हाथरस भगदड़: अस्पताल में डेडबॉडी का अंबार, हेल्थ स्टाफ की हिम्मत ने बचाई जिंदगी



हाथरस में हुए भयावह भगदड़ हादसे ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। इस हादसे के बाद सबसे करीबी सिकंदराराऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में लाशों और घायलों का तांता लग गया। सीमित संसाधनों के बीच एक डॉक्टर, तीन नर्स, एक फार्मासिस्ट और एक वार्ड बॉय ने अद्भुत साहस दिखाते हुए कई जिंदगियाँ बचाईं।

चौंकाने वाला दोपहर का दृश्य:

डॉ. मनोज कटारा के अनुसार, दोपहर करीब 2:40 बजे एक व्यक्ति कीचड़ में सने तीन बच्चों के साथ अस्पताल पहुँचा और पुलिस स्टेशन से फोन पर बताया गया कि एक बहुत बड़ा हादसा हो गया है। देखते ही देखते टेम्पू, ई-रिक्शा, लोडर्स और बसों में लाशें और घायल लोग अस्पताल पहुँचने लगे। यह दृश्य किसी के भी होश उड़ा देने वाला था।

अस्पताल की हैरान करने वाली स्थिति:

सिकंदराराऊ सीएचसी का हर कोना शव और जख्मी लोगों से भर गया था। वार्ड, बरामदा, यहां तक कि अस्पताल का पूरा कैंपस लाशों से पटा पड़ा था। नर्सों में से एक इस मंजर को देखकर बेहोश हो गई, लेकिन बाकी स्टाफ ने हिम्मत जुटाते हुए काम शुरू किया। उन्हें यह पहचानना भी मुश्किल हो रहा था कि कौन जिंदा है और कौन मर चुका है।

स्थानीय नागरिक का बयान:

स्थानीय नागरिक साहिल भारती ने बताया कि अस्पताल के सभी स्ट्रेचर और बेंच घायलों से पटे पड़े थे। जब कोई जगह नहीं बची, तो घायलों और मृतकों को जमीन पर रखा गया। लोग सीपीआर देकर जान बचाने की कोशिश कर रहे थे और हर तरफ अफरातफरी का माहौल था। यह दृश्य दिल दहला देने वाला था।

इस घटना ने अस्पताल स्टाफ की अद्भुत हिम्मत और मानवता की मिसाल पेश की, जिन्होंने इस भयावह स्थिति में भी अपने कर्म के मिशन को निभाया। यह उनकी निष्ठा और सेवा का ही नतीजा था कि कई जिंदगियाँ बचाई जा सकीं।

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