हाथरस हादसे में बड़ा खुलासा: आयोजकों ने छिपाए साक्ष्य, झूठी संख्या बताकर बनाई साजिश; एफआईआर में सनसनीखेज आरोप



उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए भयावह हादसे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। मंगलवार को सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत 124 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस हादसे को लेकर जो जानकारी सामने आई है, उससे हर कोई हैरान है। 


बताया जा रहा है कि बाबा के सेवादारों ने हादसे के सबूतों को छिपाने की साजिश रची। एफआईआर में कहा गया है कि आयोजकों ने साक्ष्य छिपाए और कार्यक्रम की शर्तों का उल्लंघन किया। 


साजिश के सबूत


हाथरस मामले में दर्ज एफआईआर में गंभीर धाराओं के तहत आयोजकों पर आरोप लगाए गए हैं। सत्संग कार्यक्रम के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत मामले को दर्ज किया गया है। एफआईआर में आयोजकों पर आरोप है कि उन्होंने अनुमति मांगते समय सत्संग में आने वाले भक्तों की वास्तविक संख्या छिपाई।


वास्तविक संख्या छिपाने की कोशिश


एफआईआर के मुताबिक, आयोजन में लगभग ढाई लाख लोग शामिल हुए, जबकि आयोजकों ने 80 हजार लोगों की अनुमति ली थी। इसके चलते भीड़ प्रबंधन और ट्रैफिक कंट्रोल में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। पुलिस और प्रशासन द्वारा 80 हजार लोगों के लिए की गई व्यवस्था ढाई लाख श्रद्धालुओं के सामने विफल हो गई, जिससे जीटी रोड पर जाम लग गया और यातायात अवरुद्ध हो गया।


आयोजकों की लापरवाही


एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि भीड़ के दबाव के बावजूद पुलिस और प्रशासन ने हर संभव प्रयास किया और घायलों को अस्पतालों में पहुंचाया। लेकिन, आयोजकों और सेवादारों ने सहयोग नहीं किया। आयोजकों ने सबूत छिपाने के लिए श्रद्धालुओं की चप्पलें और अन्य सामान पास के खेतों में फेंक दिए, ताकि कार्यक्रम में आने वाले लोगों की वास्तविक संख्या छिपाई जा सके।


इस हादसे के बाद हाथरस के इस कार्यक्रम की सत्यता और आयोजकों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन द्वारा मामले की जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।


इस तरह के आयोजनों में उचित सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन का होना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। जनता को भी जागरूक रहना चाहिए और ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होते समय सावधानी बरतनी चाहिए।


मुख्य बिंदु:


- हाथरस हादसे में 124 लोगों की मौत, कई घायल।

- आयोजकों ने साक्ष्य छिपाने की रची साजिश।

- एफआईआर में आयोजकों पर गंभीर आरोप।

- अनुमति से अधिक संख्या में पहुंचे श्रद्धालु।

- पुलिस और प्रशासन ने हर संभव प्रयास किया, आयोजकों का सहयोग नहीं।

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