Budget 2024 : इंडिया गठबंधन सपा प्रत्याशी पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने बताया कि सरकार ने पेश किया कुर्सी बचाओ बजट पेश



संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट

बरेली : इंडिया गठबंधन सपा प्रत्याशी पूर्व  सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने बताया कि सरकार ने कुर्सी बचाओ बजट पेश किया है। सहयोगी दलों को खुश कर ने के लिए दूसरे राज्यों की कीमत पर खोखले वादे किए गए हैं। किसानों की आय दुगनी की जाने को लेकर जो वादा किया था, वह धरातल पर नहीं आ पाया। दस 10 साल की तरह इस साल भी आम आदमी को बजट से निराशा ही हाथ लगी। गांव के हालात सुधरने की कोई योजना नहीं है।      

वर्ष 2024 -25 के आम बजट को कुर्सी बचाओ बजट करार दिया है। पार्टी का आरोप है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की तरक्की वाला नहीं बल्कि मोदी सरकार बचाओ बजट पेश किया है। इसके साथ ही पार्टी ने बजट को नकलची बजट करार देते हुए दावा भी किया है कि यह बजट कांग्रेस और सपा के चुनावी घोषणा पत्र और पिछले कुछ बजट की नकल है।  सपा प्रत्याशी का कहना है कि सहयोगियों को खुश करने के लिए अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए गए। किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि अपने मित्रों को खुश किया गया है। लेकिन आम भारतीयों को कोई राहत नहीं दी गई।  इसी के साथ सपा प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि सरकार बजट में नकल तक ठीक से नहीं कर पाई। और कहां की अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए सरकार आधी अधूरी रेवड़ियां बांट रही है, ताकि किसी तरह एनडीए बरकरार रहे। ऐसे में यह देश की तरक्की का बजट नहीं। बल्कि मोदी सरकार बचाओ बजट है। किसान के लिए कोई योजना नहीं है। सब आप प्रत्याशी का कहना है कि 10 साल बाद युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुई हैं। पर किसानों के लिए सिर्फ सतही  बजट बात कही गई है। और कहा कि बजट में दलित, आदिवासियों, पिछला वर्ग, अल्पसंख्यक और गांव गरीब के लिए कोई क्रांति योजना नहीं है। महंगाई बेरोजगारी को लेकर कोई ठोस कम नहीं _  सपा नेता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह ने  केंद्रीय बजट को  निराशा जनक बताते हुए कहा कि महंगाई एवं बेरोजगारी को लेकर कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।  इसमें आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि दो तरह कर प्रणाली सही विचार नहीं है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। और कहा कि सरकार का पहला बजट बहुत निराशाजनक है। और कहां की ग्यारहवें बजट में बेरोजगारी, महंगाई, किसान, महिला, युवा का मुद्दा नौ दो ग्यारह हो गया है। यह बजट भी नाउम्मीद का ही पुलिंदा है।

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