सुप्रीम कोर्ट का कांवड़ यात्रा रूट नेम प्लेट विवाद पर अंतरिम आदेश बरकरार, 29 जुलाई को अगली सुनवाई



नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों के लिए नेम प्लेट लगाने के मामले में अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है। कोर्ट ने पहले ही सरकार और स्थानीय प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी थी। अब मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।


इस विवाद की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से हुई, जब प्रशासन ने कांवड़ यात्रा रूट पर स्थित दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया। इस नेम प्लेट पर दुकानदार और कर्मियों के नाम की जानकारी देने को कहा गया था। आदेश के बाद, विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया, जिसमें अखिलेश यादव, मायावती और असदुद्दीन ओवैसी प्रमुख थे।


विवाद बढ़ने पर योगी सरकार ने प्रदेश के सभी कांवड़ यात्रा रूटों पर इस आदेश को लागू कर दिया। इसके बाद, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में भी इसी तरह के आदेश जारी किए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे कानून-व्यवस्था का मुद्दा बताया, जबकि विरोधियों ने इसे धर्म से जोड़कर देखा।


दुकानदारों ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, और कोर्ट ने 22 जुलाई को अंतरिम आदेश जारी कर कांवड़ यात्रा रूट पर नेम प्लेट लगाने पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट्स को शाकाहारी या मांसाहारी का बोर्ड लगाने का आदेश दिया, लेकिन दुकानों पर नाम लिखने को अनिवार्य किए जाने पर रोक लगा दी।


उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट में कानून व्यवस्था और आस्था पर चोट न पहुंचने देने की दलील पेश की, जबकि मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों से अभी जवाब आना बाकी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी, जिसमें अन्य सरकारों के जवाब के आधार पर फैसला लिया जाएगा।

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