लखनऊ में 30 साल पुराना प्रॉपर्टी स्कैम: करोड़ों का खेल, अफसरों की बंदरबांट, जानें कैसे हुआ खुलासा!



लखनऊ में 30 साल पुराने प्रॉपर्टी स्कैम में एलडीए के अफसरों की मिलीभगत से करोड़ों की धांधली, सीबीआई कोर्ट ने सुनाई सजा।

लखनऊ के जानकीपुरम विस्तार योजना में 30 साल पहले हुए प्रॉपर्टी स्कैम में एलडीए के अफसरों ने मिलीभगत कर 123 लोगों की फर्जी रजिस्ट्री करवा दी। भू-माफिया के साथ मिलकर ग्रीन बेल्ट और प्ले ग्राउंड की जमीनों का भी आवंटन किया गया। सीबीआई कोर्ट ने 19 साल बाद तत्कालीन संयुक्त सचिव सहित एक सरकारी और दो अन्य लोगों को सजा सुनाई है।


एलडीए के अफसरों ने बिना रिकॉर्ड के कई आवंटियों को ग्रीन बेल्ट और प्ले ग्राउंड में प्लॉट काटकर बेच दिया। 2004 में मामला खुलने पर सीबीआई ने जांच की, जिसमें 1.75 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया। तत्कालीन एलडीए वीसी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने 16 जून को आदेश जारी कर सर्वे के बाद आवंटनों को विनियमित करने की बात कही थी, लेकिन यह आदेश ठंडे बस्ते में चला गया।


एलडीए के उपसचिव की तहरीर के अनुसार, 2008 में पूर्व संयुक्त सचिव सहित 14 अधिकारियों की तैनाती के दौरान 123 भूखंडों का फर्जी आवंटन किया गया। इसमें 10% नामांतरण शुल्क जमा कर भूखंडों का हस्तांतरण कराया गया। जांच में यह भी उजागर हुआ कि पार्क भी फर्जी तरीके से बेचे गए।


जानकीपुरम घोटाले में तीन पीसीएस अफसरों सहित 19 लोगों के नाम शामिल हैं, जिनसे शासन ने रिकवरी के आदेश दिए थे। एलडीए ने 25 सितंबर को गोमतीनगर विस्तार में 100 करोड़ रुपये की जमीन के समायोजन घोटाले का भी खुलासा किया था। मामले की जांच जारी है और जल्द ही नियम विरुद्ध आवंटन निरस्त किए जाएंगे।

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