श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने राधा निकुंज आश्रम के स्वामी प्रेमानंद महाराज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एक चिट्ठी के माध्यम से प्रेमानंद महाराज से उनकी किडनियों की जांच करवाने की मांग की है। इस खबर ने धार्मिक समुदाय में भारी हलचल मचा दी है।
प्रेमानंद महाराज का परिचय:
प्रेमानंद महाराज, जिनका वास्तविक नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय है, कानपुर के मूल निवासी हैं। उन्होंने अपना जीवन राधारानी और भगवान श्रीकृष्ण की सेवा में समर्पित कर दिया है। पिछले कुछ सालों में, वह धार्मिक समुदाय में एक प्रमुख हस्ती के रूप में उभरे हैं।
विवाद की पृष्ठभूमि:
हाल ही में, मध्य प्रदेश के कथावाचक प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज के बीच राधारानी के जन्मस्थान को लेकर तीखी बहस हुई थी। इस बहस के दौरान प्रेमानंद महाराज ने प्रदीप मिश्रा को कड़ी फटकार लगाई थी। बाद में, प्रदीप मिश्रा ने बरसाना आकर राधारानी से माफी मांगी थी।
आशुतोष पांडेय के आरोप:
आशुतोष पांडेय ने अपनी चिट्ठी में प्रेमानंद महाराज पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रेमानंद महाराज ने कभी भी भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए आवाज नहीं उठाई है। पांडेय ने कहा, "आप ड्रामा कर रहे हैं कि किडनी खराब है। यदि सच में किडनी खराब है तो सार्वजनिक रूप से किसी सरकारी अस्पताल में इसका चेकअप कराकर रिपोर्ट जारी करें, वर्ना ये ढोंग बंद करें।" पांडेय ने यह भी कहा कि प्रेमानंद महाराज भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर ठगी कर रहे हैं और उन्हें श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन की लड़ाई लड़ रहे लोगों का सहयोग करना चाहिए।
मांग और अल्टीमेटम:
पांडेय ने प्रेमानंद महाराज से मांग की है कि वे एक महीने के भीतर किसी सरकारी अस्पताल में अपनी किडनियों की जांच करवाकर रिपोर्ट सार्वजनिक करें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रेमानंद महाराज ऐसा नहीं करते हैं, तो ट्रस्ट उनके खिलाफ कोर्ट में जाने को बाध्य होगा।
प्रेमानंद महाराज की प्रतिक्रिया:
इन आरोपों पर प्रेमानंद महाराज की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। धार्मिक समुदाय में उनके अनुयायी इस मुद्दे पर खामोश हैं, जबकि आलोचकों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और प्रेमानंद महाराज के बीच का यह विवाद धार्मिक समुदाय में एक गंभीर मुद्दा बन गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रेमानंद महाराज इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं और क्या वे अपनी किडनियों की जांच करवाकर इस विवाद का समाधान करते हैं या नहीं।
यह विवाद न केवल प्रेमानंद महाराज की प्रतिष्ठा को चुनौती दे रहा है, बल्कि धार्मिक समुदाय में भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। आशुतोष पांडेय के आरोपों के बाद, सभी की निगाहें अब प्रेमानंद महाराज की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
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