सावन 2024: 12 ज्योतिर्लिंगों की महिमा, काशी में विशेष महोत्सव और सावन व्रत की विधि




सावन का महीना हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान शिव भक्त भगवान शिव की उपासना और पूजा-अर्चना करते हैं। सावन 2024 की शुरुआत हो चुकी है, और इस अवसर पर 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं इन ज्योतिर्लिंगों के बारे में, काशी में सावन की विशेषता, और सावन व्रत की विधि।

12 ज्योतिर्लिंग:
1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात): सागर किनारे स्थित, भगवान शिव का पहला ज्योतिर्लिंग।
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (आंध्र प्रदेश): 'दक्षिण का काशी' के नाम से प्रसिद्ध।
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश): उज्जैन में स्थित, अद्वितीय महत्त्व वाला।
4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (मध्य प्रदेश): नर्मदा नदी के तट पर स्थित।
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तराखंड): हिमालय की ऊँचाई पर, चार धाम यात्रा का हिस्सा।
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र): सह्याद्री पहाड़ियों में स्थित।
7. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (उत्तर प्रदेश): वाराणसी में स्थित, अत्यंत प्रसिद्ध।
8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र): नासिक के पास स्थित।
9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (झारखंड): देवघर में स्थित, 'बाबा बैद्यनाथ धाम' के नाम से प्रसिद्ध।
10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (गुजरात): द्वारका के निकट स्थित।
11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (तमिलनाडु): रामायण काल से जुड़ा।
12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग (महाराष्ट्र): एलोरा की गुफाओं के पास स्थित।

काशी में सावन का विशेष महोत्सव:
वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, सावन के महीने में शिव भक्तों के लिए सबसे प्रिय स्थलों में से एक है। काशी विश्वनाथ मंदिर में इस दौरान विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक का आयोजन होता है। सावन के प्रत्येक सोमवार को यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव की आराधना के लिए आते हैं।

काशी में सावन के प्रमुख आकर्षण:
1. विशेष रुद्राभिषेक: सावन के प्रत्येक सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में भव्य रुद्राभिषेक होता है।
2. श्रावण मेला: गंगा नदी के तट पर स्थित इस मेले में श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।
3. शिव बारात: सावन के महीने में शिव बारात का आयोजन विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र होता है।
4. काशी की गलियां: सावन के दौरान काशी की प्राचीन गलियों में भक्ति का अद्भुत माहौल होता है।

सावन व्रत की विधि:
सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। व्रत के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना चाहिए:
1. पूजा-अर्चना: सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव की पूजा करें। शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बिल्वपत्र, धतूरा और फल चढ़ाएं।
2. व्रत का पालन: व्रत रखने वाले व्यक्ति को पूरे दिन फलाहार या एक समय का भोजन करना चाहिए। अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. ध्यान और मंत्र जाप: दिन भर 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें और ध्यान लगाएं।
4. सात्विक आहार: व्रत के दौरान केवल सात्विक आहार का सेवन करें। प्याज, लहसुन, मांस और मद्य का सेवन बिल्कुल न करें।
5. सकारात्मक सोच: व्रत के दौरान मन और वाणी को शुद्ध रखें, सकारात्मक सोचें और दूसरों की मदद करें।

इस सावन, भगवान शिव के आशीर्वाद के साथ 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करें, काशी की पवित्रता का अनुभव करें और सावन व्रत का पालन करें। हर हर महादेव! 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ