यूपी में भाजपा की रार: संघ परिवार ने थामी कमान, 'युद्ध विराम' का प्लान तैयार



यूपी में भाजपा के आंतरिक संघर्ष से चिंतित संघ परिवार ने लिया मोर्चा। 'युद्ध विराम' की योजना पर हो रही है गहन चर्चा। जानिए आगे की रणनीति।

उत्तर प्रदेश में भाजपा के आंतरिक संघर्ष ने आरएसएस को चिंतित कर दिया है। संघ परिवार अब इस संकट का समाधान खोजने में जुटा हुआ है। हाल ही में हुए राजनीतिक उठापटक के कारण भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में भी असमंजस की स्थिति है, जिससे संघ परिवार को दशकों की मेहनत बेकार जाने का डर सताने लगा है।

संघ परिवार की सबसे बड़ी चिंता यह है कि राम मंदिर और काशी विश्वनाथ जैसे लोकप्रिय धार्मिक एजेंडों पर बेहतरीन काम करने के बावजूद लोकसभा चुनावों में भाजपा का ग्राफ गिरता जा रहा है। यदि यही स्थिति जारी रही, तो भाजपा को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, जिससे हिंदुत्व के अभियान को भी झटका लगेगा।

सूत्रों के अनुसार, संघ परिवार जल्द ही भाजपा नेताओं के बीच चल रहे शीतयुद्ध को समाप्त करने के लिए एक बैठक बुलाने जा रहा है। इस बैठक में यूपी सरकार और संगठन के बड़े नेताओं के साथ स्थिति और कारणों पर चर्चा होगी। इसके बाद दिल्ली या किसी अन्य शहर में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक होगी, जिसमें निर्णय लिया जाएगा कि किस प्रकार इस संकट को समाप्त किया जा सके।

संघ से जुड़े सूत्रों का मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व का सबसे बड़ा चेहरा हैं। यदि इनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश जारी रही, तो इससे भाजपा के कोर एजेंडा को झटका लगेगा और हिंदू समाज का विभाजन भी संभव है।

संघ परिवार का मानना है कि 'सरकार से बड़ा संगठन' के सिद्धांत के तहत व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति करने वाले अतिमहत्वाकांक्षी भाजपा नेताओं के कारण कहीं यूपी हाथ से न निकल जाए। संघ परिवार यूपी की महत्ता को भली-भांति समझता है और इसीलिए जल्द ही 'युद्ध विराम' के लिए कदम उठाए जाएंगे।

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