यूपी में सीएम योगी और डिप्टी सीएम मौर्य के बीच बढ़ते मतभेद, बीजेपी की एकता पर सवाल



उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं, बीजेपी की एकता पर उठ रहे सवाल।

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच मतभेद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले दोनों नेता साथ-साथ नजर आए थे, लेकिन शाम होते-होते उनके बीच तनाव की खबरें सामने आईं।

बीजेपी के प्रदेश ओबीसी मोर्चा के सम्मेलन में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सीएम योगी के आने से पहले ही कार्यक्रम से निकल गए। इस दौरान डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा, "चुनाव हमेशा पार्टी ही लड़ती है और पार्टी ही जीतती है," जबकि सीएम योगी ने कहा, "नौकरी में आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है।"

ओबीसी मोर्चा बैठक में विवाद

लखनऊ में आयोजित ओबीसी मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सीएम योगी, डिप्टी सीएम मौर्य और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को बुलाया गया था। लेकिन मंच पर तीनों साथ नहीं रहे। बैठक के दौरान सीएम योगी ने विपक्ष के आरक्षण मुद्दे पर कहा, "69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर सवाल उठाए जाते हैं, जबकि पिछली सरकार में एक ही जाति के 56 लोगों को नौकरी दी गई थी। हमने 7 साल में 6.50 लाख सरकारी भर्तियां की, जिसमें 60% ओबीसी समाज के लोग थे।"

आंतरिक मतभेद

सीएम योगी ने अपने बयान से विपक्ष के साथ-साथ पार्टी के भीतर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया। हाल ही में डिप्टी सीएम मौर्य और अनुप्रिया पटेल ने सीएम योगी को आरक्षण के मुद्दे पर पत्र लिखा था। ऐसा माना जा रहा था कि दिल्ली से लौटने के बाद दोनों नेताओं के बीच शांति समझौता हो गया है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह तूफान से पहले की शांति नजर आ रही है।

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच बढ़ते मतभेद से बीजेपी की एकता पर सवाल उठ रहे हैं। पार्टी के भीतर इस प्रकार के विवाद आगामी चुनावों में बीजेपी के लिए चुनौती बन सकते हैं।

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