यूपी: 81 वर्षीय माता प्रसाद बने नेता प्रतिपक्ष, चाचा शिवपाल को मिला झटका



अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडेय को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया। जानें क्यों उन्हें चुना गया और इसके राजनीतिक मायने। 


उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 81 वर्षीय अनुभवी नेता माता प्रसाद पांडेय को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है। इस निर्णय से उन्होंने अपने चाचा शिवपाल यादव को एक बड़ा झटका दिया है। 


माता प्रसाद पांडेय, जो कि सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से सात बार विधायक चुने जा चुके हैं, का लंबे राजनीतिक अनुभव और संसदीय परंपराओं की गहरी समझ उनके पक्ष में गई। वे दो बार विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 


अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद बनने और करहल सीट से इस्तीफा देने के बाद यह पद खाली हो गया था। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, अखिलेश ने इस पद पर माता प्रसाद पांडेय को नियुक्त करके ब्राह्मण समाज को साधने की कोशिश की है। यूपी में करीब 12% ब्राह्मण मतदाता हैं, और यह निर्णय ब्राह्मण समाज में सपा की अहमियत को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। 


इसके साथ ही, अखिलेश ने विधायक कमाल अख्तर को सपा विधानमंडल दल का मुख्य सचेतक और राकेश कुमार को उप सचेतक नियुक्त किया है। महबूब अली को अधिष्ठाता मंडल में शामिल करने की भी सिफारिश की गई है।


इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि अखिलेश यादव अपनी पार्टी को मजबूत करने और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए रणनीतिक कदम उठा रहे हैं।

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