69,000 शिक्षक भर्ती मामला: योगी सरकार ने रिज़र्वेशन को लेकर दिया बड़ा आदेश, नए सिरे से बनेगी सूची!



69,000 शिक्षक भर्ती में नया मोड़! योगी सरकार ने रिज़र्वेशन सुनिश्चित करने के लिए नई सूची बनाने का आदेश दिया। जानिए क्या होगा 6,000 से अधिक शिक्षकों का भविष्य।


लखनऊ - 69,000 शिक्षक भर्ती के मामले में योगी सरकार ने रविवार को बड़ा फैसला लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि आरक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए नई सूची बनाने के संकेत दिए गए हैं, जिससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।


हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में पुरानी सभी सूचियों को रद्द करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस निर्णय पर अमल करने के निर्देश दिए गए।


मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के निर्देशों का पूरी पारदर्शिता के साथ पालन किया जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि आरक्षित श्रेणी के पात्र अभ्यर्थियों को आरक्षण का पूरा लाभ मिले और किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो।


भर्ती प्रक्रिया पर बड़ा असर

विशेषज्ञों का मानना है कि नई सूची बनने से 5,000 से 6,000 वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों पर असर पड़ सकता है। इस मुद्दे पर महाधिवक्ता से भी राय ली जाएगी, और बेसिक शिक्षा विभाग इससे प्रभावित लोगों के लिए प्रस्ताव तैयार करेगा। 


पृष्ठभूमि:

इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब 2018 में 69,000 शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इस परीक्षा में 4.10 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था, लेकिन बाद में आरक्षण को लेकर विवाद खड़ा हो गया। उच्च न्यायालय ने आरक्षण एक्ट 1994 का सही से पालन न होने की बात मानी और सरकार से इस पर सुधार करने को कहा।


सरकार की प्रतिक्रिया:

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने एक चैनल से बातचीत में आश्वासन दिया कि किसी भी युवा के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार हर वर्ग के हितों का ध्यान रखेगी और नई सूची तैयार करते समय किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा।

69,000 शिक्षक भर्ती का मामला अब एक नया मोड़ ले चुका है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार नई सूची तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि इससे प्रभावित होने वाले शिक्षकों का भविष्य क्या होगा।  


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