हरदोई में 4 वर्ष पहले अपनी ही 3 वर्षीय मासूम भतीजी से दुष्कर्म कर उसे घर मे छोड़ कर फरार हुए अपराधी को परिजनों की तहरीर पर पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया था। जिसमें अपराधी के पैर में गोली लगी थी और पास्को व रासुका जैसी धाराएं लगाई गई थीं।
न्यायालय ने अभियोजन व पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर आज इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले अपराधी को फांसी की सज़ा सुना दी है। तीन जजों की बेंच में 4 वर्षो तक चले इस केस में आखिरकार आज पीड़िता के परिजनों को न्याय मिल गया, जिससे पीड़ित पक्ष बेहद खुश हैं।
मामला हरदोई जिले के साण्डी थाना क्षेत्र के एक गांव का है जहां 28 जुलाई 2020 को ईश्वर पाल उर्फ ईशु द्वारा अपने भाई की 3 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म जिनसे जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया था। जिसके बाद बच्ची का इलाज हरदोई से लेकर लखनऊ मेडिकल कॉलेज में आज तक चल रहा है और आज भी उसकी स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है।
आज भी पीड़ित मासूम मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम है और कष्ट झेल रही है। शासकीय अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव ने जनकारी दी कि, इस घटना को अंजाम देने के बाद पीड़िता के परिजनों की तहरीर पर आरोपी ईश्वर पाल को पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके बाद उसके ऊपर पॉक्सो व रासुका की कार्यवाही कर जेल भेज दिया गया था।
आज 4 वर्षों के बाद न्यायालय के एडीजे 14 कोर्ट में इस मामले को लेकर अन्तिम फैसला सुनाया गया। जिसमें इस जघन्य अपराध को किसी अन्य सज़ा से न जोड़ते हुए सीधे फांसी की सजा सुनाई गई।
इनपुट: शब्द
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