बरेली: बंद कमरे में मिली युवक की सड़ी हुई लाश, चूहों ने नोच डाला चेहरा, इलाके में फैली सनसनी



बरेली के गांव में बंद कमरे में मिली युवक की सड़ी हुई लाश, चूहों ने नोच डाला चेहरा। पुलिस जांच में जुटी, इलाके में सनसनी।


उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के सिरौली थाना क्षेत्र के गांव गुड़गांव में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। गांव के एक बंद मकान में एक 45 वर्षीय युवक की सड़ी-गली लाश मिली, जिसका चेहरा चूहों द्वारा नोचा गया था। इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन यह घटना गांव में गहरी चिंता और दहशत का माहौल बना रही है।


घटना की शुरुआत

इस दर्दनाक घटना का पता तब चला जब गांव के लोगों ने मकान से तेज बदबू आती महसूस की। ग्रामीणों ने तुरंत डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मकान का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई। कमरे में युवक का शव पाया गया, जो तीन दिनों से सड़ रहा था। 

पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान रोहन के रूप में हुई है, जो गांव में अकेला रहता था। उसके परिवार के लोग हिमाचल प्रदेश में रहते हैं और वहीं ठेला लगाकर अपना गुजारा करते हैं। गांववालों के अनुसार, रोहन मानसिक रूप से कमजोर था और कुछ समय से बीमार भी चल रहा था। वह ज्यादातर बाहर से फास्ट फूड मंगाकर खाता था और अकेले ही अपने जीवन का निर्वाह करता था।


मकान की दुर्दशा

रोहन के मकान की स्थिति भी अत्यंत दयनीय थी। मकान की छत टूट चुकी थी और घर में शौचालय की सुविधा भी नहीं थी। उसकी पत्नी और बच्चे हिमाचल प्रदेश में रहते थे और रोहन अकेले ही गांव में रह रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि वह सामाजिक रूप से भी काफी अलग-थलग रहता था और लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं करता था।

रोहन की पत्नी शशि वाला ने बताया कि उसने कई बार गांव के प्रधान से घर बनाने के लिए सहायता मांगी थी, लेकिन उसे किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली। उन्होंने बताया कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह घर बनवाने में असमर्थ थे। 


चौंकाने वाली घटना

इस ह्रदयविदारक घटना में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह थी कि युवक के चेहरे को चूहों ने नोच डाला था। पुलिस जब कमरे में दाखिल हुई, तो उन्होंने देखा कि रोहन का चेहरा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका था। यह दृश्य इतना भयावह था कि पुलिस कर्मियों को भी इस घटना से सन्नाटा छा गया। 

पुलिस ने तुरंत युवक के परिवार को सूचना दी, जो हिमाचल प्रदेश में रहते हैं। सूचना मिलते ही रोहन की पत्नी शशि वाला गांव पहुंची। लेकिन परिवार ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया और शव को अपने कब्जे में लेकर अंतिम संस्कार कर दिया। 


पुलिस की जांच

पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए थी, लेकिन परिवार के इनकार के कारण यह संभव नहीं हो सका। पुलिस ने कहा कि वे मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं और यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिरकार रोहन की मौत कैसे हुई।

ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि रोहन का व्यवहार कुछ समय से असामान्य था। वह कई बार बिना वजह घर से गायब हो जाता था और गांव में कहीं भी अकेले ही घूमता रहता था। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि रोहन पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से अस्थिर था और शायद इसी कारण उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया हो।


ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

घटना के बाद से गांव के लोग सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी दर्दनाक घटना उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। गांववालों ने प्रधान से सवाल उठाए कि अगर समय रहते रोहन को मदद मिलती तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी। 

कुछ ग्रामीणों ने कहा कि रोहन को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए चिकित्सा सहायता की जरूरत थी, लेकिन यह सुविधा उसे नहीं मिल पाई। अब पुलिस और गांव के लोग इस मामले में और अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि आखिरकार रोहन की मौत कैसे हुई और वह इन हालात में कैसे पहुंचा।

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