दो सहेलियों का शव पेड़ पर लटका: फर्रुखाबाद केस में सच्चाई क्या है? पुलिस और परिजन आमने-सामने!



फर्रुखाबाद, यूपी – 19 अगस्त को फर्रुखाबाद जिले के भगौतीपुर गांव में उस वक्त सनसनी फैल गई जब दो लड़कियों के शव एक ही दुपट्टे से पेड़ पर लटके हुए पाए गए। यह घटना कायमगंज थानाक्षेत्र के अंतर्गत आती है, जहां इन दोनों सहेलियों की रहस्यमय मौत ने पूरे इलाके में खलबली मचा दी है।


घटना की शुरुआत तब हुई जब 18 और 16 साल की ये दो सहेलियां जन्माष्टमी की झांकी देखने के लिए घर से निकलीं और फिर लौटकर नहीं आईं। उनके परिजन रातभर उनकी तलाश करते रहे, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। अगली सुबह, गांव के बाहर आम के बाग में दोनों के शव लटके हुए पाए गए। यह दृश्य देखकर परिजनों और गांववालों के होश उड़ गए।


पुलिस और परिजनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप


पुलिस ने इस मामले को शुरू में आत्महत्या करार दिया, लेकिन लड़कियों के परिजनों ने इसे हत्या बताते हुए जांच की मांग की है। मृतक लड़कियों के पिता ने कहा, "मेरी बेटी और उसकी सहेली जन्माष्टमी की झांकी देखने गई थीं। जब देर रात तक वो नहीं लौटीं, तो हमने सोचा कि वे किसी रिश्तेदार के घर रुक गई होंगी। लेकिन सुबह जब खबर मिली कि दोनों ने फांसी लगा ली है, तो हम सदमे में थे। हमें यकीन है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है।"


घटनास्थल पर एक मोबाइल फोन और चप्पल मिली हैं, जिससे इस केस में कई नए सवाल उठ खड़े हुए हैं। परिजनों का कहना है कि उनकी बेटियां खुश थीं और किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव में नहीं थीं, जिससे आत्महत्या का सवाल ही नहीं उठता। उनका आरोप है कि उनकी बेटियों की हत्या की गई है और इसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है।


राजनीतिक विवाद और सवाल


इस केस ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, "दो दलित लड़कियों के शव रहस्यमय तरीके से पेड़ से लटके पाए गए हैं। पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट के ही इसे आत्महत्या करार दे दिया है। क्यों?"


उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि पुलिस ने अब तक इस मामले में एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की है, जबकि ऐसा करना अनिवार्य है। "36 घंटे बीत चुके हैं, फिर भी एफआईआर नहीं हुई है। यह मामले को दबाने का प्रयास क्यों किया जा रहा है?" उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी, जब ऐसे गंभीर मामलों में भी पुलिस की लापरवाही साफ दिख रही है।


आगे की जांच और सवालों का दौर


फर्रुखाबाद के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह मामला फिलहाल आत्महत्या का लग रहा है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी। पुलिस ने घटनास्थल से मिले मोबाइल फोन की जांच शुरू कर दी है और परिजनों की शिकायत पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।


यह केस अब न सिर्फ एक पुलिस जांच का विषय है, बल्कि इसके जरिए राज्य की कानून-व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या यह सच में आत्महत्या थी, या फिर इसे हत्या के रूप में छिपाया जा रहा है? इस सवाल का जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और आगे की जांच के बाद ही मिल सकेगा।

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