द्वारका एक्सप्रेसवे पर गुरुग्राम-दिल्ली फ़्लाईओवर की स्ट्रीट लाइट्स 1 महीने से ख़राब, हादसे का खतरा, प्रशासन की लापरवाही।
गुरुग्राम को दिल्ली से जोड़ने वाला केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का ड्रीम प्रोजेक्ट, द्वारका एक्सप्रेसवे, आजकल खतरे का गढ़ बनता जा रहा है। इस महत्वपूर्ण फ़्लाईओवर पर सुरक्षा को लेकर बड़ी चूक सामने आई है। दादा भैया चौक से शुरू होने वाला यह फ़्लाईओवर जहां हज़ारों वाहनों का आवागमन दिन-रात रहता हैं, वहां की स्ट्रीट लाइट्स करीब एक महीने से ख़राब पड़ी हैं।
रोशनी के अभाव में यह इलाका दुर्घटनाओं के लिए बेहद संवेदनशील बन चुका है, खासकर रात के समय जब वाहन तेज़ रफ्तार से गुजरते हैं। दिल्ली से गुरुग्राम की ओर आने वाला फ़्लाईओवर घुमावदार है, जिससे विजिबिलिटी कम हो जाती है और हादसे का खतरा बढ़ जाता है।
विश्व मीडिया की टीम ने जब इस मामले पर गुरुग्राम प्रशासन से जवाब मांगा तो एमसीजी ने साफ़ किया कि इस फ़्लाईओवर की स्ट्रीट लाइट्स की देखरेख उनका जिम्मा नहीं है। यह जिम्मेदारी जीएमडीए की है। जब जीएमडीए से संपर्क किया गया, तो वहां से बताया गया कि इस फ़्लाईओवर का निर्माण एनएचएआई द्वारा किया गया है, इसलिए इसकी देखरेख भी उन्हीं के अधीन है।
ऐसा प्रतीत होता है कि द्वारका एक्सप्रेसवे के इस हिस्से को बना कर प्रशासन ने जैसे भूल ही गया है। अब सवाल उठता है कि आखिर किसकी जिम्मेदारी है? और कब तक लोगों की जान को खतरे में डाला जाएगा? प्रशासन की यह लापरवाही कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
प्रशासन की लापरवाही को उजागर करना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि सही कदम उठाए जा सकें और किसी अनहोनी से बचा जा सके।
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