गाजीपुर में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की गाड़ी के सामने पूरा परिवार लेटा, पुलिस पर गंभीर आरोप

  

गाजीपुर में परिवहन मंत्री की गाड़ी के सामने लेटा पूरा परिवार, पुलिस पर नहीं सुनने और न्याय न देने का लगाया आरोप।

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब एक पूरा परिवार राज्य के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की गाड़ी के सामने लेट गया। यह घटना स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर घटित हुई, जब जिला पंचायत हॉल में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के कार्यक्रम में दयाशंकर सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल थे। इस दौरान, जमानिया तहसील के देवाईथां गांव का नवजादिक यादव अपने परिवार के साथ मंत्री की गाड़ी के सामने न्याय की गुहार लगाने पहुंचा। 


क्या है पूरा मामला?

पीड़ित परिवार का आरोप है कि 11 अगस्त को जमीन विवाद के चलते उनके पट्टीदारों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा, जिसमें नवजादिक यादव की पत्नी को सिर पर गंभीर चोट आई। इस घटना के बाद, जब परिवार थाने में शिकायत दर्ज कराने गया, तो पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की। इसके बाद, पट्टीदारों ने फिर से उनके परिवार पर हमला किया, जिसमें उनके बेटे और बेटियों को भी चोटें आईं। परिवार का कहना है कि पुलिस न तो उनकी शिकायत दर्ज कर रही है और न ही उन्हें न्याय मिल रहा है।


मंत्री के सामने न्याय की गुहार

मामले की गंभीरता को देखते हुए, पीड़ित परिवार पुलिस अधीक्षक से मिलने जिला मुख्यालय पहुंचा। लेकिन, पुलिस अधीक्षक के अनुपस्थिति के कारण, उन्होंने परिवहन मंत्री की गाड़ी के सामने लेटकर न्याय की मांग की। इस घटना ने प्रशासन को हिला कर रख दिया, और मौके पर सदर कोतवाल दीनदयाल पांडे और क्षेत्राधिकारी सुधाकर पांडे पहुंचे। पुलिस ने तत्काल घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया, हालांकि इस दौरान महिलाओं ने जाने से इनकार कर दिया, लेकिन पुलिस ने उन्हें मजबूर कर दिया।


मंत्री दयाशंकर सिंह का क्या है बयान?

घटना के बाद जब मंत्री दयाशंकर सिंह से बात की गई, तो उन्होंने इस मामले में किसी भी जानकारी होने से इनकार किया। वहीं, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा या नहीं।



गाजीपुर की इस घटना ने एक बार फिर से पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर एक परिवार न्याय की गुहार के लिए सड़क पर लेटा हुआ था। देखना यह होगा कि इस मामले में पुलिस क्या कदम उठाती है और क्या पीड़ितों को न्याय मिल पाता है या नहीं।

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