गुड़गांव: द्वारका एक्सप्रेसवे फ्लाईओवर की स्ट्रीट लाइट्स एक महीने से खराब, स्वतंत्रता दिवस पर भी रहीं बुझी



गुड़गांव द्वारका एक्सप्रेसवे फ्लाईओवर की स्ट्रीट लाइट्स एक महीने से खराब, स्वतंत्रता दिवस पर भी तिरंगा रोशनी से वंचित।


गुड़गांव में बसेई से 'परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के ड्रीम प्रोजेक्ट' द्वारका एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले फ्लाईओवर की स्ट्रीट लाइट्स पिछले एक महीने से खराब पड़ी हुई हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि स्वतंत्रता दिवस की रात को भी ये लाइट्स नहीं जलीं, जो कि बेहद चिंता का विषय है। जब देशभर के प्रमुख एक्सप्रेसवे तिरंगे की रोशनी से जगमगा रहे थे, तब यह फ्लाईओवर अंधेरे में डूबा रहा, जो कि एक बेहद निराशाजनक दृश्य था।

यह फ्लाईओवर गुड़गांव के बसेई क्षेत्र से शुरू होकर द्वारका एक्सप्रेसवे को जोड़ता है, जो कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस परियोजना का उद्देश्य गुड़गांव और दिल्ली के बीच यातायात को सुगम बनाना और ट्रैफिक जाम से राहत दिलाना है। लेकिन इस महत्वपूर्ण फ्लाईओवर की स्ट्रीट लाइट्स का महीनों से खराब रहना प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, उन्होंने कई बार प्रशासन को इस मुद्दे के बारे में सूचित किया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्वतंत्रता दिवस के दिन जब पूरा देश जश्न मना रहा था, तब इस फ्लाईओवर की स्ट्रीट लाइट्स का बंद रहना प्रशासनिक उदासीनता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। 

इससे न केवल यातायात की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, बल्कि यह फ्लाईओवर इस विशेष दिन पर भी अंधेरे में रहा। जब देश के अन्य हिस्सों में तिरंगे की रोशनी से सड़कों और पुलों को सजाया गया, तब इस फ्लाईओवर की हालत देखने लायक नहीं थी।

प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा चिंताएं:

इस तरह की लापरवाही प्रशासनिक खामियों को उजागर करती है। स्ट्रीट लाइट्स का महीनों तक बंद रहना न केवल प्रशासन की अनदेखी को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कितना असंवेदनशील रवैया अपनाया जा रहा है। 

सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह स्थिति बहुत चिंताजनक है। अंधेरे में वाहनों का आवागमन करना जोखिमपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर रात के समय जब विजिबिलिटी कम होती है। स्ट्रीट लाइट्स का बंद रहना न केवल वाहन चालकों के लिए खतरनाक है, बल्कि यह पैदल यात्रियों के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है। 

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया:

स्थानीय निवासी इस मामले में प्रशासन की निष्क्रियता से बेहद नाराज हैं। उन्होंने बताया कि कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद, प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी उम्मीद की थी कि कम से कम इस खास दिन पर फ्लाईओवर की लाइट्स ठीक कर दी जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

एक स्थानीय निवासी ने बताया, "यह बहुत ही शर्मनाक है कि जब देशभर में तिरंगे की रोशनी से एक्सप्रेसवे सजे हुए थे, तब हमारा यह फ्लाईओवर अंधेरे में था। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें।"


गुड़गांव के बसेई से द्वारका एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले इस फ्लाईओवर की स्ट्रीट लाइट्स का खराब रहना और स्वतंत्रता दिवस पर भी उनका बंद रहना एक गंभीर मुद्दा है। यह प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा के प्रति असंवेदनशीलता को उजागर करता है। स्थानीय निवासी इस मुद्दे पर नाराज हैं और उम्मीद करते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करेगा। यह जरूरी है कि ऐसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की देखरेख बेहतर तरीके से की जाए, ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में ऐसी लापरवाहियों से बचा जा सके।

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