गुड़गांव विधानसभा सीट: पंजाबी और वैश्य वोटरों की सियासी ताकत, इस बार BJP किसे चुनेगी?



गुड़गांव सीट पर पंजाबी और वैश्य वोटरों की अहमियत, BJP की रणनीति में बदलाव की उम्मीद, जानें 2024 के चुनावी समीकरण।  


गुड़गांव विधानसभा सीट, दिल्ली-एनसीआर का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे आईटी सिटी के नाम से जाना जाता है। इस सीट पर पंजाबी और वैश्य समुदाय का राजनीतिक दबदबा है। 2014 और 2019 के चुनावों में बीजेपी ने वैश्य समुदाय के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा और दोनों बार जीत हासिल की। 


इस बार चुनावी समीकरण बदलते हुए नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि बीजेपी इस बार किसी पंजाबी या ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा सकती है। यह कदम पार्टी की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, क्योंकि पंजाबी समुदाय का यहां सबसे बड़ा वोट बैंक है, जो बीजेपी के पक्ष में एकजुट रहा है।


गुड़गांव में कुल 2,88,106 मतदाता हैं, जिनमें से अधिकांश शहरी क्षेत्रों में रहते हैं। इस सीट पर पिछले चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी के उम्मीदवार सुधीर सिंगला ने 2019 में 81,953 वोटों से जीत दर्ज की थी। इससे पहले, 2014 में उमेश अग्रवाल ने 106,106 वोट हासिल किए थे। लेकिन इस बार उम्मीदवार को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, और पार्टी के भीतर विभिन्न समुदायों को संतुलित करने के प्रयास जारी हैं।


गुड़गांव सीट का राजनीतिक महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह हरियाणा के प्रमुख औद्योगिक और फाइनेंशियल केंद्र के रूप में उभरा है। बीजेपी के लिए इस सीट को बनाए रखना एक चुनौती हो सकती है, खासकर जब विपक्षी दल कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों की ओर से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है।


2024 के चुनावों में गुड़गांव सीट पर पंजाबी और वैश्य समुदाय के मतदाताओं का निर्णायक भूमिका निभाने की उम्मीद है। अब देखना यह होगा कि बीजेपी किस समुदाय पर भरोसा जताती है और कौन सा चेहरा यहां से विधानसभा पहुंचता है।

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