लखनऊ में 10 हज़ार से अधिक मुस्लिम समाज के लोगों ने तिरंगा यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, देशभक्ति और एकता का संदेश दिया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आज एक अनोखे दृश्य की गवाह बनी जब मुस्लिम समाज के हजारों लोग तिरंगा लेकर सड़कों पर उतरे। यह तिरंगा यात्रा प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी के नेतृत्व में निकाली गई। इस कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह भी मौजूद थे।
लखनऊ के परिवर्तन चौक से लेकर हजरतगंज चौराहा (जिसे अब अटल चौक के नाम से जाना जाता है) तक निकली इस यात्रा ने न सिर्फ राजधानी बल्कि पूरे देश में एकता, सद्भाव और देशभक्ति का संदेश दिया। इस रैली में मुस्लिम समाज के 10 हजार से भी अधिक लोगों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अपना प्रेम व्यक्त किया। तिरंगा लहराते इन लोगों ने दिखा दिया कि देशभक्ति किसी धर्म विशेष की संपत्ति नहीं, बल्कि हर भारतीय की शान है।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश अंसारी ने इस अवसर पर कहा, "यह तिरंगा यात्रा न केवल हमारे देश के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाती है कि मुस्लिम समाज भी देश की एकता, अखंडता और प्रगति में उतनी ही आस्था रखता है जितनी कि कोई और। आज लखनऊ की धरती से हमने पूरे देश को प्यार, मोहब्बत, अमन और चैन का संदेश दिया है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारा देश विविधता में एकता का प्रतीक है और इसी विविधता को हमें अपनी ताकत बनाना है। विभाजन की विभीषिका ने हमें यह सिखाया है कि केवल एकता ही देश को आगे बढ़ा सकती है। भाजपा का यह प्रयास है कि हम हर नागरिक को उसके कर्तव्यों का भान कराएं और यह समझाएं कि देश की अखंडता और एकता को बनाए रखना हम सभी का परम कर्तव्य है।"
इस तिरंगा यात्रा का उद्देश्य न केवल तिरंगे के प्रति सम्मान प्रकट करना था, बल्कि 'हर घर तिरंगा' अभियान को भी मजबूत बनाना था। यात्रा के दौरान लोग तिरंगे को लहराते हुए 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' जैसे नारों के साथ देशभक्ति के जज़्बे को और ऊंचा उठाते नजर आए। यात्रा में शामिल मुस्लिम समुदाय के लोग उत्साह और उमंग से भरे हुए थे, उन्होंने साफ तौर पर दिखा दिया कि राष्ट्रप्रेम उनके दिलों में गहराई से बसा हुआ है।
तिरंगा यात्रा के दौरान मुस्लिम समुदाय के बुजुर्ग, युवा, महिलाएं और बच्चे, सभी ने तिरंगा लेकर इस यात्रा में हिस्सा लिया। यात्रा के रास्ते में सड़कों के किनारे खड़े लोग भी इस अनोखे दृश्य का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित नजर आए। यह यात्रा लखनऊ की एकता और सद्भावना का प्रतीक बन गई, जो न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल साबित हुई।
यह यात्रा इस बात का प्रतीक थी कि तिरंगा हमारे लिए केवल एक झंडा नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की पहचान, हमारी संस्कृति और हमारी एकता का प्रतीक है। लखनऊ की इस तिरंगा यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत के हर कोने में लोग, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय से हों, तिरंगे के प्रति अपार सम्मान रखते हैं।
लखनऊ में निकली इस तिरंगा यात्रा ने देश के नागरिकों के दिलों में देशभक्ति की नई लहर पैदा कर दी है। इस यात्रा के माध्यम से मुस्लिम समाज ने साबित कर दिया है कि वे भी इस देश के अभिन्न अंग हैं और राष्ट्र के प्रति उनकी वफादारी किसी से कम नहीं है।
देश के अन्य हिस्सों में भी तिरंगा यात्रा के आयोजन से प्रेरणा लेते हुए लोग 'हर घर तिरंगा' अभियान को समर्थन देने के लिए आगे आ रहे हैं। इस तिरंगा यात्रा ने पूरे देश को यह संदेश दिया कि धर्म, जाति या भाषा कोई भी हो, लेकिन तिरंगे के प्रति प्रेम और सम्मान हर भारतीय के दिल में होना चाहिए।
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