मेरठ में सरकारी स्कूल में दिव्यांग बच्चे को मीट खिलाने पर बवाल, प्रिंसिपल सस्पेंड



मेरठ के सरकारी स्कूल में दिव्यांग बच्चे को जबरन मीट खिलाने के मामले में हंगामा, प्रिंसिपल सस्पेंड, हिंदूवादी संगठनों ने भी जताया विरोध।

मेरठ के वैद्यवाड़ा स्थित एक सरकारी स्कूल में दिव्यांग बच्चे को जबरन मीट खिलाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना के बाद से इलाके में हड़कंप मच गया है। आरोपी प्रिंसिपल मोहम्मद इकबाल को सस्पेंड कर दिया गया है और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।


घटना उस समय शुरू हुई जब एक दिव्यांग बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके बच्चे को स्कूल में जबरन मीट खिलाया गया। बच्चे के अनुसार, स्कूल के प्रिंसिपल ने मिड डे मील में बनी सब्जी को खाने से मना करने पर उसे 100 रुपये देकर मीट लाने को कहा। जब बच्चा मीट लेकर आया, तो प्रिंसिपल ने उसे और उसके दिव्यांग भाई को मीट खाने के लिए कहा। दोनों बच्चों ने इसे खाने से इनकार कर दिया, लेकिन प्रिंसिपल ने कथित तौर पर दिव्यांग बच्चे को मीट खिला दिया।


घटना के बाद जब बच्चा घर पहुंचा तो उसने अपने परिजनों को इस बारे में बताया। बच्चे की बात सुनकर परिजन आगबबूला हो गए और तुरंत बच्चे को लेकर थाने पहुंच गए। इसके बाद हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी थाने पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया।


परिजनों और स्थानीय नेताओं की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और प्रिंसिपल को हिरासत में ले लिया। वहीं, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए आरोपी प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया और विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।


प्रिंसिपल मोहम्मद इकबाल ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि यह एक साजिश के तहत उन्हें फंसाने की कोशिश है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने किसी भी बच्चे को मीट खिलाने की घटना में शामिल नहीं हैं।


इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग इसे धार्मिक भावना के साथ जोड़कर देख रहे हैं और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। 



जिले के अधिकारियों ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। वहीं, मामले की जांच चल रही है और पुलिस का कहना है कि सभी तथ्यों की जांच के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जाएगा।

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