शिक्षामित्रों का आर-पार आंदोलन: 5 सितंबर को लखनऊ में ऐतिहासिक प्रदर्शन



5 सितंबर को लखनऊ में शिक्षामित्रों का ऐतिहासिक प्रदर्शन, मांगे न मानी तो आर-पार की लड़ाई। शिक्षा व्यवस्था पर असर!

संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट

फतेहगंज पश्चिमी: उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों ने 5 सितंबर 2024 को लखनऊ में बड़ा आंदोलन करने का ऐलान किया है। यह ऐतिहासिक प्रदर्शन शिक्षक दिवस के मौके पर होगा, जिसमें शिक्षामित्र अपनी मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। गुरुवार को कस्बा फतेहगंज पश्चिमी के यश कृष्णा बारात घर में हुई बैठक में इस आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की गई।


बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष कपिल यादव ने की। उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है कि शिक्षामित्र अपने हक की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएं। सरकार ने अब तक हमारी समस्याओं को नजरअंदाज किया है, लेकिन इस बार हम पीछे नहीं हटेंगे।"


बैठक में शामिल सतीश गंगवार ने बताया कि बरेली के समस्त शिक्षामित्र 4 सितंबर को अपने-अपने ब्लॉक अध्यक्षों के नेतृत्व में बसों से लखनऊ के लिए रवाना होंगे। "यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं," गंगवार ने जोर दिया।


रचना सक्सेना ने सभी शिक्षामित्रों से अपील की कि वे इस धरने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं और संगठन के साथ खड़े रहें। गंगाधर ने कहा कि महंगाई के इस दौर में 10 हजार रुपये मानदेय पर काम करना शिक्षामित्रों के लिए बेहद कठिन हो गया है। 


इस बैठक में प्रमुख रूप से राजीव उपाध्याय, सतीश गंगवार, मोहम्मद दौलत राम, सत्यपाल, नारायण दास, शिवलाल, मैकूलाल, युनुस अंसारी, रचना सक्सेना, मुनीश चंद्र, रामकली, कृष्णा कुमारी, प्रेमवती समेत कई शिक्षामित्र उपस्थित रहे।



लखनऊ में होने वाले इस बड़े प्रदर्शन को लेकर शिक्षामित्रों में भारी उत्साह है। सरकार से पत्राचार और संवाद के प्रयास विफल होने के बाद, अब यह आर-पार की लड़ाई है। इस आंदोलन के नतीजे शिक्षा व्यवस्था पर गहरा असर डाल सकते हैं।

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