यूपी में मंकीपॉक्स अलर्ट, बृजेश पाठक के निर्देशों के बाद सरकार सतर्क, जानिए कौन से लक्षण आपको अलर्ट कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में मंकीपॉक्स को लेकर राज्य सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अधिकारियों को सतर्क रहने और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, प्रदेश में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, फिर भी एहतियात के तौर पर सरकार ने अलर्ट जारी किया है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के एंट्री प्वाइंट्स पर मरीजों की स्क्रीनिंग के निर्देश दिए हैं, ताकि किसी भी संदिग्ध मरीज की पहचान हो सके। इसके साथ ही राज्य स्तर पर हेल्पलाइन नंबर 18001805145 जारी किया गया है, जिससे आम जनता को मंकीपॉक्स से संबंधित जानकारी और सहायता मिल सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मंकीपॉक्स को "पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनैशनल कंसर्न" घोषित किया गया है, जिसके तहत संदिग्ध मरीजों के चिन्हीकरण, सैंपल कलेक्शन और इलाज के निर्देश दिए गए हैं। लखनऊ के केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को सभी सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे।
मंकीपॉक्स के लक्षणों में शरीर पर दाने, तेज बुखार, अधिक कमजोरी और ग्रंथियों में सूजन शामिल हैं। यह एक स्व-सीमित रोग है जिसके लक्षण दो से चार सप्ताह तक बने रह सकते हैं। समय पर उचित देखभाल और इलाज से इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है।
गौरतलब है कि मंकीपॉक्स का आखिरी मामला मार्च 2024 में केरल में सामने आया था, जहां एक अंतरराष्ट्रीय यात्री संक्रमित पाया गया था। इस घटना के बाद से राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
यूपी सरकार द्वारा मंकीपॉक्स के संभावित खतरे को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की जा रही है। जनता को भी इस बीमारी के लक्षणों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करना चाहिए।
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