वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की भीड़ से मचा हाहाकार, दम घुटने से बुजुर्ग की दर्दनाक मौत, प्रशासन की लापरवाही उजागर



ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भारी भीड़ से दम घुटने से हरियाणा के बुजुर्ग श्रद्धालु की मौत, प्रशासनिक अव्यवस्थाओं की खुली पोल।

वृंदावन, ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में रविवार को एक बार फिर अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा एक बुजुर्ग श्रद्धालु। हरियाणा से आए 65 वर्षीय मामचंद सैनी, जिनका दम घुटने से निधन हो गया, ने प्रशासन और मंदिर प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। वीकेंड और रक्षाबंधन पर्व के मौके पर मंदिर में भक्तों की भीड़ इस कदर बढ़ गई थी कि मंदिर परिसर में पैर रखने की जगह नहीं बची। 

भीड़ के दबाव में मामचंद सैनी बेहोश हो गए और उन्हें आनन-फानन में वृंदावन जिला संयुक्त अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर शशी रंजन के अनुसार, सैनी की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी। इस घटना ने ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में बढ़ती भीड़ और अव्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।

आने वाले 26 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व है, जिसके चलते लाखों श्रद्धालुओं का आगमन होगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं। फिर भी, रविवार की घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या प्रशासन और मंदिर प्रबंधन इस भीड़ को संभालने के लिए पूरी तरह तैयार हैं या नहीं।

जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर को तीन जोन और दस सेक्टरों में बांटा गया है, जहां एडीएम और एसपी जोन में तैनात रहेंगे, और एसडीएम व डीएसपी सेक्टरों की जिम्मेदारी संभालेंगे। प्रशासन की ओर से भक्तों के लिए लाइव दर्शन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। फिर भी, सवाल उठता है कि क्या यह पर्याप्त है, या फिर कोई और घटना मंदिर के इतिहास में एक और काले अध्याय के रूप में जुड़ जाएगी। 

वृंदावन की गलियों में हर दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, और इसके चलते मंदिर में दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी है। प्रशासन और मंदिर प्रबंधन की लापरवाही ने इस बार एक और जीवन को निगल लिया, और अब सवाल यह है कि आखिर कब तक यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा?

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ