वक्फ बोर्ड सुधार विधेयक पर मौलाना कल्बे जवाद ने सरकार को दी चेतावनी, कहा वक्फ संपत्तियां सरकार की नहीं, केवल देखरेख की जिम्मेदारी है।
वक्फ बोर्ड विधेयक पर मौलाना कल्बे जवाद का विरोध, सरकार को दी चेतावनी
नई दिल्ली: हाल ही में लोकसभा में पेश किए गए वक्फ बोर्ड में सुधार के लिए विधेयक को लेकर देशभर में बहस तेज हो गई है। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना और वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाना है। हालांकि, इस विधेयक पर कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने अपनी चिंता जताई है।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के जौनपुर में स्थित वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने वक्फ बोर्ड विधेयक पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस विधेयक के प्रावधानों को लेकर सवाल उठाए हैं और सरकार को चेतावनी दी है कि यदि इस विधेयक से वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व को लेकर कोई छेड़छाड़ की गई तो इसका कड़ा विरोध होगा।
वक्फ संपत्तियां सरकार की नहीं, केवल देखरेख की जिम्मेदारी है
मौलाना कल्बे जवाद ने अपने एक बयान में कहा, "वक्फ की जमीनें सरकार की संपत्ति नहीं हैं। सरकार या वक्फ बोर्ड केवल इसकी देखरेख कर रहे हैं। ये जमीनें मुसलमानों द्वारा दी गईं धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए हैं, जिनका दुरुपयोग या हेरफेर किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा कि वक्फ संपत्तियों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार इन संपत्तियों को अपने अधिकार में लेने की कोशिश करे। "हम इस विधेयक का स्वागत तभी करेंगे जब इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधन और पारदर्शिता को बढ़ाना होगा। लेकिन यदि इसके जरिए वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व को लेकर कोई चालाकी की गई तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे," मौलाना ने जोर देते हुए कहा।
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