लखनऊ के आर्यकुल कॉलेज में युगऋषि वाङ्मय की 422वीं स्थापना, नैतिक शिक्षा को मिला नया आयाम




आर्यकुल कॉलेज, लखनऊ में युगऋषि वाङ्मय की 422वीं स्थापना, नैतिक शिक्षा के प्रसार में एक महत्वपूर्ण कदम।


लखनऊ, 26 सितंबर 2024: गायत्री ज्ञान मंदिर, इंदिरा नगर, लखनऊ द्वारा विचार क्रांति ज्ञान यज्ञ अभियान के तहत आर्यकुल कॉलेज ऑफ एजुकेशन, गौरी बिजनौर रोड में युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित 79 खंडों का 422वां वाङ्मय स्थापित किया गया। यह स्थापना श्री सुधीर कुमार शुक्ला (पूर्व महाप्रबंधक, राजकीय निर्माण निगम, उ.प्र.) और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रश्मि शुक्ला द्वारा उनके पूज्य पिताजी, स्वर्गीय पारस नाथ शुक्ला की स्मृति में की गई।




ऋषि साहित्य और नैतिक शिक्षा का प्रसार
इस कार्यक्रम के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, "ऋषि साहित्य नैतिक शिक्षा का सर्वोत्तम स्रोत है, जो समाज में सदाचार और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देता है।" उन्होंने इस साहित्य के महत्व को रेखांकित करते हुए सभी उपस्थित जनों से इसे अपने जीवन में उतारने का आग्रह किया। कार्यक्रम में उपस्थित आर्य टी.वी. के हेड डॉ. अजय शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए साहित्य की उपयोगिता पर बल दिया।




साहित्य भेंट और विभागाध्यक्षों का योगदान
कार्यक्रम के दौरान सुधीर कुमार शुक्ला और श्रीमती रश्मि शुक्ला ने संस्थान के सभी विभागाध्यक्षों, संकाय सदस्यों और छात्रों को हिन्दी अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की, जिससे नैतिक शिक्षा का प्रसार हो सके। इस अवसर पर डॉ. सशक्त सिंह (प्रबंध निदेशक, आर्यकुल कॉलेज) और डॉ. आदित्य सिंह (उपनिदेशक फार्मेसी) ने भी अपने विचार साझा किए।




विशेष उपस्थिति
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उमानंद शर्मा, देवेन्द्र सिंह, श्रीमती ऊषा सिंह, सुधीर कुमार शुक्ला, रश्मि शुक्ला, डॉ. सशक्त सिंह, डॉ. अजय शुक्ला, डॉ. अंकिता अग्रवाल, और श्री सुरेश तिवारी सहित अन्य विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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