बरेली की फल मंडी में भीषण आग से करोड़ों का नुकसान, सिलेंडर और बैटरी धमाकों ने बढ़ाई दहशत, फायर ब्रिगेड पर उठे सवाल।
बरेली शहर में धमाकों से दहशत, दो घंटे तक उठती रही आग की लपटें।
संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जनपद बरेली _ बरेली शहर में दो घंटे तक उठती रही आग की लपटें, सिलेंडर फटने और उनके धमाकों से लोगों में फैली दहशत, आढ़तियों और व्यापारियों का करोड़ों का हुआ नुकसान। रात 2 दो बजे आग पर पाया गया काबू। जानकारी के अनुसार बरेली डेलापीर स्थित फल मंडी में गुरुवार रात 11 बजे अचानक आग लग गई इससे सी ब्लॉक में तीन सेट के नीचे स्थित फलों की 24 दुकानों में रखा सामान जल का राख हो गया। आग के चलते गैस सिलेंडर और इनवर्टर की बैटरी फटने से तेज धमाके भी हुए। फायर ब्रिगेड ने 3 घंटे बाद आग बुझाने में सफलता हासिल की।
जानकारी के अनुसार व्यापारियों ने बताया कि कल 6 सितंबर दिन गुरुवार को रात लगभग 11 बजे डेलापीर फल मंडी में अचानक आढ़तों की दुकान में आग लग गई। इस दौरान व्यापारियों और आसपास खड़े लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया मगर आढ़त पर प्लास्टिक की (क्रेट) पेटी होने के कारण सफलता नहीं मिली। आग इतनी विकराल थी कि व्यापारी दहशत में आ गए। दो घंटे तक आग की ऊंची लपटें व्यापारियों को भयभीत कराती रही।
सिलेंडर व बैठी फटने से हुए धमाकों से वहां हड़कंप मच गया। रात दो बजे के बाद आग पर काबू पाया जा सका। व्यापारियों ने बताया कि सी ब्लॉक में टीन शेड के नीचे उनकी आढ़तें संचालित होती हैं। और पीछे की ओर पक्की दुकानें बनी हुई है। जिन्हें लोग गोदाम के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। कई प्रदेशों के मजदूर यहां काम करते हैं। इन दिनों मौसमी नारियल, सेब, पपीता, अनार, केला आदि बाजार में कम है। जिसमें सभी व्यापारी की आढ़तें भरी हुई थी। रात भर फलों के वाहनों का मंडी में आना-जाना बना रहता है।
रात करीब 11 बजे सभी लोग काम में व्यस्त थे। और अचानक टीन शेड के नीचे आग लगने की जानकारी हुई। सब ने मिलकर आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। लेकिन वह काबू में आने के वजह विकराल होती चली गई। जिससे भी आग के बारे में सुना वह दुकान की ओर दौड़ पड़े। मगर इसी बीच वहां पर धमाके होने भी शुरू हो गए। यह धमाके खाना बनाने के लिए वहां रखे गैस सिलेंडर और इनवर्टर की बैटरी के थे । जिसके चलते लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना पर सीओ तृतीय अनीता चौहान, इज्जत नगर, बारादरी, कोतवाली और प्रेम नगर की फोर्स मौके पर पहुंची। और उन्होंने तुरंत फायर ब्रिगेड को फोन कर तुरंत गाड़ियां मंगा कर आग बुझाने का प्रयास किया।
फायर ब्रिगेड के प्रति लोगों में आक्रोश _ फल व्यापारियों का कहना है कि आग लगते ही उन लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दे दी थी। मगर दमकल की गाड़ी साढ़े 11:30 के बाद पहुंची। एक गाड़ी होने के चलते वह भी आग पर कोई काबू नहीं पा सकी। अगर एक साथ चार पांच गाड़ियां भेजी जाती तो आग पर काबू पा लिया जाता। उन लोगों को व्यापारियों को इतना बड़ा नुकसान नहीं होता।
दस्तावेज, रुपए भी जेल _ व्यापारियों का कहना है कि दूसरे प्रदेशों से यहां रहकर काम करने वाले लोग आढ़त के गोदाम में रहते हैं और अपने रुपए समेत अन्य समान वहीं रखते हैं। हिसाब किताब भी वहां रहता है। मगर इस आग से वहां रखी नगदी समेत सारा सामान जल गया। उन लोगों ने इस हादसे में करोड़ों रुपए का नुकसान होने की बात कही है।
हफ्ते भर का स्टॉक जला _ सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष शुजा उर रहमान ने बताया कि फल मंडी में एक सप्ताह का स्टॉक हमेशा रहता है। वह सभी जल गया। आढ़ती सलीम का कहना है कि यदि आग लगने की सूचना पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जल्दी आती तो कुछ समान और दुकानें बच सकती थी।
डेलापीर मंडी में आग बुझाने तक का इंतजाम नहीं। _ सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष शुजा उर रहमान का कहना है कि बरेली की इस सबसे बड़ी मंडी में आग बुझाने के कोई उपाय नहीं है। पिछले करीब 10 साल से वह लगातार मंडी समिति से इस संबंध से मांग भी करते आए हैं। लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। आज मंडी में आग बुझाने के का कुछ भी उपाय होता तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। नवीन फल एवं सब्जी आढ़ती वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष आढ़ती शरीफ का कहना है की मंडी में टैंक आदि बनाकर आग बुझाने की व्यवस्था की गई होती तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता।
मंडी समिति से दिलाई जाएगी मदद _ सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है की मंडी में अधिकांश लोगों ने दुकानों का किसी तरह का कोई बीमा भी नहीं करा रखा है। फल मंडी में तो किसी ने भी इंश्योरेंस नहीं कराया हुआ है। ऐसे में कारोबारियो का करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने नुकसान की भरपाई के संबंध में मंडी समिति के सचिव संतोष यादव से बात की है। संतोष यादव ने मंडली समिति की ओर से पीड़ित दुकानों और आढ़तियों को नियम अनुसार मदद दिलाने का आश्वासन दिया है।
बाहर ही रोके गए फलों के वाहन _ मंडी में रात भर फलों के वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। हादसा होने के बाद बाहर से आने वाली सभी गाड़ियों को मंडी के बाहर ही रोक दिया गया। मंडी अधिक संख्या में लोग जुटे रहे।
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