भाजपा सरकार की 'बेटी पढ़ाओ नहीं, डराओ' नीति, बेटियों को जेल भेजने की धमकी! कांग्रेस ने उठाये सवाल




छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार पर बेटियों को शिक्षा के बजाय डराने की नीति अपनाने का आरोप। जेल भेजने की धमकी से नाराज कांग्रेस ने उठाए सवाल।

विश्व मीडिया आरकेसोनी वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ़

रायपुर, 10 सितंबर 2024।  छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार की शिक्षा नीति पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने तहसीलदार माया अंचल द्वारा स्कूल की बेटियों को जेल भेजने की धमकी की कड़ी निंदा की है और भाजपा सरकार पर बेटियों को डराने की नीति अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने मांग की कि इस घटना पर सरकार तुरंत सख्त कार्रवाई करे। ठाकुर का कहना है कि प्रदेश में भाजपा सरकार बेटी पढ़ाओ नहीं, बल्कि बेटियों को डराओ नीति पर काम कर रही है।


शिक्षा के क्षेत्र में गंभीर समस्याएं

बेटियां पढ़ना चाहती हैं, लेकिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और हॉस्टलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। जब ये छात्राएं अपनी शिक्षा और हॉस्टल की सुविधाओं के लिए आवाज उठाती हैं, तो उन्हें धमकियां दी जाती हैं। भाजपा सरकार के तहत उन्हें जेल भेजने और वीडियो जारी करने की धमकी देकर डराया जाता है। हाल ही में, राजनांदगांव के डीईओ ने शिक्षकों की मांग करने पर बेटियों को जेल भेजने की धमकी दी थी। इस घटना पर माननीय न्यायालय ने भी नाराजगी जाहिर की है।


प्रशासनिक ढीलापन और अराजकता

बिलासपुर जिले के तहसीलदार माया अंचल ने पचमढ़ी हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं को जेल भेजने की धमकी दी थी। इसके अलावा, रायपुर के प्राथमिक शाला पंडरी में मासूम बच्चियों के साथ यौन शोषण के मामले में प्रशासन ने लीपापोती की कोशिश की। मामला दबाने का प्रयास किया गया और पीड़ित छात्राओं का वीडियो वायरल होने के बाद ही कार्रवाई की गई। भिलाई डीपीएस का मामला भी सबके सामने है, और गरियाबंद जिले के स्कूलों में शिक्षक न होने के कारण छात्रों और अभिभावकों ने स्कूल में ताला जड़ दिया। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है।


भाजपा सरकार की अलोकप्रियता और तानाशाही रवैया

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ 9 महीनों में ही अलोकप्रिय हो गई है। सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ उठ रही आवाज़ों को दबाने के लिए तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है, जो लोकतंत्र की हत्या जैसा है। सत्ता में बैठे लोग आलोचना सुनने का साहस नहीं रखते। विपक्ष और पत्रकार जब सरकार के कुशासन के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं, तब उनके खिलाफ फर्जी FIR दर्ज की जाती है और उन्हें साजिश के तहत फंसाया जाता है। पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है, और प्रशासनिक आतंक की स्थिति दिखने लगी है।

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