भाजपा सरकार का अव्यवहारिक बांड नियम: योग्य छात्रों को डॉक्टर बनने से रोकने का प्रयास, कांग्रेस ने बताया अन्याय




कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर 50 लाख के बांड और अनिवार्य सेवा नियमों को अव्यवहारिक बताते हुए योग्य छात्रों को डॉक्टर बनने से रोकने का आरोप लगाया।

विश्व मीडिया से आर.के.सोनी वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ



रायपुर, 26 सितंबर 2024: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एमबीबीएस और पीजी के लिए भारी बांड लगाने का नियम गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों के साथ अन्याय है। एमबीबीएस के लिए 25 लाख और पीजी के लिए 50 लाख रुपए का बांड भरने की शर्त ने छात्रों को भारी वित्तीय दबाव में डाल दिया है, जिससे योग्य छात्र डॉक्टर बनने से वंचित हो रहे हैं।

वर्मा ने कहा कि एमबीबीएस और पीजी के बाद 2 साल की शासकीय सेवा अनिवार्य करने का नियम अव्यवहारिक है। उन्होंने मांग की कि अनिवार्य सेवा की अवधि को 2 साल से घटाकर 1 साल और जुर्माने की राशि एमबीबीएस के लिए 5 लाख और पीजी के लिए 10 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

भाजपा सरकार पर कांग्रेस के आरोप:

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पीजी के बाद सेवा की अवधि 2 साल से घटाकर 1 साल कर दी थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे लागू नहीं किया। छत्तीसगढ़ में डॉक्टरों की कमी नहीं है, और भाजपा का यह कदम शिक्षा विरोधी है। वर्मा ने आरोप लगाया कि 2015-16 में भाजपा की रमन सरकार ने 1500 एमबीबीएस डॉक्टरों की पद विलोपन की कार्रवाई की थी, जिससे आज स्वास्थ्य सेवाओं में कमी आ रही है।

वर्मा ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार की विफलताओं के चलते मलेरिया, डायरिया जैसी बीमारियों से मौतें हो रही हैं और आयुष्मान कार्ड से इलाज का भुगतान तक रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए अब चिकित्सा शिक्षा के छात्रों पर अव्यवहारिक निर्णय थोप रही है, जो पूरी तरह अनुचित और अन्यायपूर्ण है।

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