छत्तीसगढ़ की 27 लाख महिलाओं की आजीविका संकट में, भाजपा सरकार पर कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप



गोठानों में तालाबंदी, तैयार वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, गौमूत्र दवाओं और अन्य उत्पादों की बिक्री एवं भुगतान रुके।

विश्व मीडिया | आरके सोनी, वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ़

रायपुर/13 सितंबर 2024। पिछले नौ महीनों से छत्तीसगढ़ में गोठानों की दुर्दशा और रोजगार के अवसर बाधित होने के आरोपों के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से अचानक गोठान बंद कर दिए। इससे छत्तीसगढ़ की 27 लाख महिलाएं, जो महिला समूहों के माध्यम से गोठानों से जुड़ी थीं, आजीविका के संकट का सामना कर रही हैं। कई गोठानों में तैयार वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, गौमूत्र से बनी जैविक कीटनाशक दवाएं पैक कर रखी गई हैं, लेकिन इनकी बिक्री पर अघोषित रोक लगाई गई है। गौ-कास्ट, दीया, गमले, अगरबत्ती जैसे गोठानों में निर्मित अन्य उत्पादों की बिक्री भी भाजपा सरकार बनने के बाद से बाधित है, जिससे इन महिलाओं के समक्ष जीवन-यापन का संकट गहरा गया है।


प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वर्मा ने भाजपा सरकार पर महिला और रोजगार विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 महीनों में भाजपा सरकार ने रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए कोई काम नहीं किया, बल्कि रोजगार छीनने का काम किया। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ में लगभग 10 हजार गोठान बनाए थे, जिनमें से 7 हजार गोठान स्वावलंबी हो चुके थे। महिला स्व-सहायता समूह इन गोठानों में मिलकर काम कर रही थीं, लेकिन भाजपा सरकार ने बिना किसी योजना के दुर्भावनापूर्वक इन गोठानों का संचालन बंद कर दिया। यहां तक कि गोबर की बिक्री का भुगतान भी अभी तक नहीं हुआ है। कांग्रेस सरकार ने वनांचल क्षेत्र में 7 से 74 वनोपजों की खरीद बढ़ाई थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इनकी प्रोसेसिंग भी बंद कर दी, जिससे लाखों महिलाओं की आजीविका संकट में पड़ गई है।


सुरेंद्र वर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की दुर्भावनापूर्ण नीतियों के चलते गोठानों के लिए आरक्षित डेढ़ लाख एकड़ जमीन पर भू-माफियाओं का कब्जा हो रहा है। इससे गोवंश सड़कों पर दुर्घटनाओं का शिकार हो रहा है, और किसान खुली चराई की समस्या से जूझ रहे हैं। भाजपा की सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने का दिखावा करती है, जबकि असल में नकली खाद, दवाओं और बीजों के रैकेट को संरक्षण दे रही है। वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट के किसान भी परेशान हैं, और महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पाद गोदामों में कैद पड़े हैं। महिलाएं अपने मेहनत की कमाई के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

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