ज्ञान यज्ञ अभियान के तहत 419वें युगऋषि वाङ्मय की स्थापना, नैतिक शिक्षा पर जोर




गायत्री ज्ञान मंदिर द्वारा जावित्री इंस्टीट्यूट लखनऊ में 419वें युगऋषि वाङ्मय की स्थापना, नैतिक शिक्षा के महत्व पर जोर।


लखनऊ, 5 सितंबर 2024: गायत्री ज्ञान मंदिर, इंदिरा नगर लखनऊ द्वारा संचालित विचार क्रांति ज्ञान यज्ञ अभियान के अंतर्गत जावित्री इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड फार्मेसी डिवीजन, कनकहा, मोहनलालगंज, लखनऊ में 419वें युगऋषि वाङ्मय की स्थापना समारोह संपन्न हुआ। इस प्रतिष्ठित अवसर पर गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित 79 खंडों का साहित्य संस्थान के केंद्रीय पुस्तकालय में स्थापित किया गया।




यह अनमोल साहित्य संस्था की सक्रीय कार्यकर्त्री श्रीमती मंजू साही द्वारा अपनी नातिन के स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना के रूप में भेंट किया गया। इसके अलावा, सभी छात्र-छात्राओं और संकाय सदस्यों को *हिन्दी अखण्ड ज्योति* पत्रिका भी भेंट की गई, ताकि उनमें नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा का प्रसार हो सके।




नैतिक शिक्षा के बिना शिक्षा अधूरी

इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा, “नैतिक शिक्षा के बिना सम्पूर्ण शिक्षा अधूरी है।” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल बौद्धिक विकास नहीं, बल्कि नैतिक और आध्यात्मिक उन्नति भी होनी चाहिए।

कार्यक्रम में उपस्थित जावित्री आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. सीमा सक्सेना ने भी नैतिक शिक्षा और योग्यता के समन्वय पर अपने विचार रखे। इसके बाद फार्मेसी के प्रधानाचार्य डॉ. संजीव दुबे ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।




प्रमुख उपस्थित गणमान्य

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्य रूप से उमानंद शर्मा, श्री देवेन्द्र सिंह, श्रीमती ऊषा सिंह, श्रीमती मंजू साही, फार्मेसी के विभागाध्यक्ष श्री ललित सिंह, जावित्री आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. सीमा सक्सेना, नर्सिंग की प्रधानाचार्या डॉ. ई. एलिजाबेथ, और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ. प्रवीण मिश्रा सहित अन्य गणमान्य और छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

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