मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ज्ञानवापी पर बड़ा बयान: "विश्वनाथ धाम है, मस्जिद कहना दुर्भाग्यपूर्ण", गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विचार।
मुख्य बिंदु:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर में बड़ा बयान
'ज्ञानवापी ही विश्वनाथ धाम है, इसे मस्जिद कहना दुर्भाग्यपूर्ण'
हिंदी दिवस पर "नाथ पंथ" के योगदान पर विचार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ज्ञानवापी पर बड़ा बयान: "विश्वनाथ धाम है, मस्जिद कहना दुर्भाग्यपूर्ण", गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विचार।
गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर से ज्ञानवापी पर बयान देते हुए कहा कि इसे "विश्वनाथ धाम" मानना चाहिए और इसे मस्जिद कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बयान उन्होंने "सामाजिक समरसता में नाथ पंथ के योगदान" विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान दिया, जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और हिंदी भाषा संस्थान द्वारा आयोजित की गई थी।
योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान हिंदी भाषा की शक्ति और देववाणी संस्कृत से उसके जुड़ाव पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी अब न सिर्फ भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी राजनयिकों के बीच लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि हिंदी का विकास रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रहा है।
ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं,लेकिन ज्ञानवापी साक्षात 'विश्वनाथ' ही हैं... pic.twitter.com/njo9Fk03Xe— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 14, 2024
योगी ने अपने भाषण में आदिगुरु शंकराचार्य के काशी प्रवास और गोरखनाथ की शिक्षाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नाथ पंथ और गुरु गोरखनाथ के सिद्धांत समाज को जोड़ने और एकता के प्रतीक रहे हैं। गुरु गोरखनाथ की हठयोग पर आधारित साधना मानव जीवन को स्वस्थ और सफल मार्ग पर अग्रसर करने का मार्गदर्शन देती है।
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