हाथरस के स्कूल में नरबलि का खौफनाक कांड, 11 साल के छात्र की तंत्र-मंत्र के लिए हत्या। स्कूल प्रबंधक समेत पांच आरोपी गिरफ्तार।
हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए नरबलि कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। तंत्र-मंत्र की आड़ में एक मासूम की 11 साल के कृतार्थ कुशवाहा की जान ले ली गई। हाथरस के डीएल पब्लिक आवासीय स्कूल में यह खौफनाक वारदात हुई, जिसमें स्कूल प्रबंधक और उसके पिता ने तंत्र-मंत्र के नाम पर बच्चे की बलि देने की योजना बनाई।
खौफनाक साजिश का पर्दाफाश:
मामला तब सामने आया जब कृतार्थ के पिता कृष्ण कुमार को फोन पर बताया गया कि उनके बेटे की तबीयत खराब है। जब वे स्कूल पहुंचे, तो संचालक दिनेश बघेल और उसका पिता जशोधन सिंह मौके से फरार मिले। जांच के दौरान, पुलिस को स्कूल प्रबंधक की कार से बच्चे का शव बरामद हुआ, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारियां:
पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए, जिसमें आरोपियों ने बताया कि उन्होंने तंत्र-मंत्र की आस्था के चलते स्कूल की तरक्की के लिए कृतार्थ की बलि दी। यही नहीं, उनका एक और बच्चे की बलि देने का भी प्लान था, जो विफल रहा। 6 सितंबर को उन्होंने चौथी कक्षा के छात्र राज की भी हत्या की कोशिश की थी, लेकिन वह बच निकला।
स्कूल का काला सच:
जांच में पता चला कि स्कूल के पीछे के नलकूप में तंत्र-मंत्र का सामान मिला, जिससे यह साफ हो गया कि यहां काले जादू की प्रथाएं चलाई जा रही थीं। इस खौफनाक कांड का मास्टरमाइंड जशोधन सिंह था, जिसने स्कूल की तरक्की के लिए नरबलि की योजना बनाई थी। पुलिस ने अब पांचों आरोपियों को हिरासत में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी है।
मासूम की मौत और परिजनों का दर्द:
कृतार्थ के माता-पिता इस हादसे से गहरे सदमे में हैं। अपने बेटे को खोने का दर्द उनकी आंखों से आंसुओं के रूप में बह रहा है। पिता कृष्ण कुमार का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि जिस स्कूल में उनका बेटा पढ़ाई कर रहा था, वही उसकी मौत का कारण बन जाएगा। मासूम की मां का बुरा हाल है, वह यही सोचकर पछता रही हैं कि काश उन्होंने बेटे को आखिरी बार घर आने पर रोक लिया होता।
शिक्षा के मंदिर में हैवानियत:
इस घटना ने समाज को शिक्षा के नाम पर हो रहे काले कारनामों से रूबरू कराया है। तंत्र-मंत्र और काले जादू के नाम पर मासूमों की बलि देने वाले ये दरिंदे अब पुलिस की गिरफ्त में हैं, लेकिन यह सवाल जरूर खड़ा होता है कि आखिर कब तक मासूमों के साथ ऐसे दरिंदगी भरे कृत्य होते रहेंगे?
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