हाथरस में 11 वर्षीय छात्र की बलि का खौफनाक मामला: स्कूल की तरक्की के लिए हत्या, प्रबंधक समेत 5 गिरफ्तार



हाथरस में स्कूल की तरक्की के लिए कक्षा 2 के छात्र की बलि देने का खुलासा, 5 लोग गिरफ्तार। स्कूल बिना मान्यता के चल रहा था।

हाथरस: सहपऊ इलाके से दिल दहला देने वाला एक खौफनाक मामला सामने आया है, जहां एक कक्षा 2 के छात्र की हत्या बलि के इरादे से की गई। स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल और उसके पिता जशोधन सिंह ने अपने स्कूल की तरक्की के लिए 11 वर्षीय कृतार्थ की बलि देने का प्लान बनाया था। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है।

कैसे हुआ खुलासा?

23 सितंबर की रात को डीएल पब्लिक स्कूल के हॉस्टल में रहने वाला कृतार्थ अपने कमरे में मृत पाया गया। उसके गले पर निशान पाए गए, जिससे पुलिस ने हत्या की जांच शुरू की। शुरुआती छानबीन में स्कूल प्रबंधक और उसके पिता की संलिप्तता सामने आई।

बलि देने की खौफनाक साजिश:

22 सितंबर की रात, जब बच्चा गहरी नींद में था, उसे हॉस्टल से उठा कर स्कूल के पास एक ट्यूबवेल की कोठरी में ले जाया गया, जहां तांत्रिक क्रियाओं के लिए उसकी बलि देने का प्लान था। लेकिन बच्चे की नींद खुल गई और वह रोने लगा, जिससे घबराकर आरोपियों ने उसका गला घोंट दिया और शव को वापस हॉस्टल में रख दिया।

गिरफ्तारी और आरोप:

पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में प्रबंधक दिनेश बघेल, उसके पिता जशोधन सिंह, और अन्य तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन पर बलि देने और हत्या की साजिश का आरोप है। पुलिस का कहना है कि यह क्रूर साजिश स्कूल की आर्थिक तरक्की और व्यवसायिक लाभ के लिए रची गई थी।

शिक्षा विभाग की सख्त कार्रवाई:

घटना के बाद शिक्षा विभाग ने डीएल पब्लिक स्कूल के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी है। बिना अनुमति के आवासीय विद्यालय चलाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी स्वाति भारती ने मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। यह स्कूल बिना मान्यता के कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई करा रहा था, जबकि इसे केवल कक्षा 5 तक की मान्यता मिली हुई थी। फिलहाल स्कूल बंद कर दिया गया है, जिससे 700 से अधिक छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है।

पुलिस का बयान:

इस केस की जांच कर रहे सीओ हिमांशु माथुर ने बताया कि स्कूल के प्रबंधक का पिता तांत्रिक क्रियाओं में विश्वास करता था और उसने स्कूल की तरक्की के लिए यह बलि देने की योजना बनाई थी। अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि इस घटना का उद्देश्य तांत्रिक पूजा के माध्यम से स्कूल के आर्थिक लाभ को बढ़ाना था।

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