खेल मंत्री के अमर्यादित बयान से पत्रकारों में आक्रोश, धरना देकर CM को सौंपा ज्ञापन



खेल मंत्री के अमर्यादित बयान पर पत्रकारों का विरोध, CM को ज्ञापन सौंपा, सुरक्षा की मांग उठी, दोषी पुलिसकर्मी लाइन हाजिर।

इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट

जौनपुर - उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री गिरीश चन्द्र यादव द्वारा वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सिंह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी और पुलिस द्वारा पत्रकारों के उत्पीड़न के खिलाफ पत्रकारों का गुस्सा भड़क उठा है। मंत्री द्वारा 'दो कौड़ी के' जैसे अमर्यादित शब्दों का प्रयोग और सुरेरी थाना पुलिस द्वारा पत्रकारों के साथ बदसलूकी के मामले ने जनपद के पत्रकारों को लामबंद कर दिया है। 

पत्रकारों ने ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष संजय अस्थाना के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचकर जोरदार नारेबाजी की और धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद पत्रकारों ने मुख्यमंत्री के नाम चार सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। 

ज्ञापन में प्रमुख मांगें थीं:
1. फर्जी मुकदमा हटाया जाए – जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
2. दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई – जिलाधिकारी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ने दोषी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है।
3. शाहगंज के पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी।
4. पत्रकारों की सुरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस।

धरना स्थल पर आयोजित सभा में जिलाध्यक्ष संजय अस्थाना ने खेल मंत्री गिरीश चन्द्र यादव के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "मंत्री ने पत्रकारों को 'दो कौड़ी के' और 'तुम्हारी औकात क्या है' जैसे शब्दों से अपमानित किया है। ऐसे मंत्री को तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए।" 

उन्होंने यह भी बताया कि सुरेरी थाना पुलिस ने नेम प्लेट न लगाने के सवाल पर दो पत्रकारों को गाली देते हुए मारपीट की और उन पर मुकदमा दर्ज कर लिया। इस पूरे मामले ने पत्रकारों में असुरक्षा की भावना को और गहरा कर दिया है, जिसके चलते पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से सुरक्षा की मांग की है। 




पत्रकारों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं होती, तो वे व्यापक स्तर पर आंदोलन करेंगे।

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