लखनऊ के आर्यकुल इंस्टीट्यूट में 420वां युगऋषि वाङ्मय की स्थापना, पूर्वजों की स्मृति में किया गया ज्ञानदान

 


गायत्री परिवार द्वारा आर्यकुल इंस्टीट्यूट, लखनऊ में 420वां युगऋषि वाङ्मय स्थापित, पूर्वजों की स्मृति में ज्ञानदान का आयोजन।


लखनऊ। गायत्री परिवार के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। "आर्यकुल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, गौरी बिजनौर रोड, लखनऊ" के केंद्रीय पुस्तकालय में युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित 79 खण्डों का 420वां वाङ्मय स्थापित किया गया। इस विशेष अवसर पर गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री श्रीमती राजेश्वरी देवी श्रीवास्तव ने अपने स्वर्गीय पति राम आश्रय लाल श्रीवास्तव की स्मृति में इस वाङ्मय को पुस्तकालय को भेंट किया।  




कार्यक्रम में उपस्थित सभी विभागाध्यक्षों, चिकित्सकों और फार्मेसी में अध्ययनरत छात्रों को भी हिन्दी अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की गई।  




मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, "पूर्वजों की स्मृति में किया गया ज्ञानदान श्रेष्ठ कार्य है, जो पीढ़ियों तक स्मरणीय रहेगा।" उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए इसे समाज और शिक्षा के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।  




इस आयोजन में संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. सशक्त सिंह, उपनिदेशक फार्मेसी डॉ. आदित्य सिंह, आर्य टी.वी. मीडिया के हेड डॉ. अजय शुक्ला और अन्य प्रमुख सदस्य शामिल थे। सभी ने इस अद्वितीय पहल की प्रशंसा की और ज्ञान के प्रसार में इस योगदान को महत्वपूर्ण बताया।  

कार्यक्रम के समापन पर डॉ. अजय शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापन दिया, जिसमें उन्होंने गायत्री परिवार की इस पहल के लिए आभार व्यक्त किया और छात्रों से इस ज्ञान का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की।  




इस अवसर पर उमानंद शर्मा, देवेन्द्र सिंह, डॉ. नीलम गुप्ता, श्रीमती सरोज श्रीवास्तव, एवं संस्थान के प्रबन्ध निदेशक डॉ. सशक्त सिंह, उपनिदेशक फार्मेसी डॉ. आदित्य सिंह, आर्य टी.वी. के हेड डॉ. अजय शुक्ला, उपनिदेशक (शिक्षा) डॉ. अंकिता अग्रवाल, रजिस्ट्रार श्री सुरेश तिवारी सहित विभागाध्यक्ष, चिकित्सकगण एवं नर्सिंग के छात्र-छात्रायें मौजूद थीं।

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