लखनऊ बिल्डिंग हादसा: मात्र 8 साल में ढही इमारत, 8 लोगों की दर्दनाक मौत, LDA की भूमिका पर सवाल!



लखनऊ बिल्डिंग हादसे में 8 मौतों के बाद LDA पर सवाल, 8 साल में ढही इमारत के निर्माण और क्वालिटी चेक पर उठे गंभीर आरोप।


लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में शनिवार को एक तीन मंजिला इमारत के ढहने से 8 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 28 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह इमारत महज 8 साल पुरानी थी, जिसका नक्शा 2010 में पास हुआ था और 2016 में बनकर तैयार हुई थी। इस घटना ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इमारत की योजना और निर्माण

इस इमारत का नक्शा समर विहार निवासी कुमकुम सिंघल के नाम पर 31 अगस्त 2010 को पास हुआ था। इसके बाद साल 2011 में इसका निर्माण शुरू हुआ और 2016 में यह पूरी तरह बनकर तैयार हो गई। प्राधिकरण ने 2020 में इस इमारत को कंपलीशन सर्टिफिकेट भी दे दिया था। इसके बावजूद इमारत की नींव इतनी कमजोर साबित हुई कि वह 10 साल भी खड़ी नहीं रह सकी।

LDA की भूमिका संदेह के घेरे में

प्रशासनिक जांच की आंच अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) तक पहुंच गई है। सवाल यह उठता है कि क्वालिटी चेक होने के बाद भी निर्माण में हुई खामियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? LDA के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने तत्काल इस मामले की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, इमारत से जुड़ी कई अहम फाइलें प्राधिकरण कार्यालय से गायब हैं, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।

नक्शा पास कराने और क्वालिटी चेक की पड़ताल

LDA के अधिकारियों ने रात में ही दफ्तर पहुंचकर योजना विभाग के कर्मचारियों से पूरी जानकारी ली। नक्शा पास कराने से लेकर क्वालिटी चेक तक की हर पहलू की जांच हो रही है। प्रवर्तन जोन-2 के अधिकारी अतुल कृष्ण सिंह ने बताया कि निर्माण के दौरान हुई लापरवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

इस हादसे में 8 लोगों की जान चली गई और 28 लोग घायल हो गए। प्रशासनिक जांच से क्या खुलासे होते हैं, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

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