लखनऊ: ऑफिस में महिला अधिकारी की संदिग्ध मौत पर अखिलेश का सरकार पर हमला, तनाव और काम का दबाव बना मुद्दा!




लखनऊ में बैंक अधिकारी की संदिग्ध मौत पर अखिलेश ने सरकार पर निशाना साधा। तनाव और काम के दबाव को लेकर सवाल खड़े किए।


लखनऊ: ऑफिस में महिला अधिकारी की संदिग्ध मौत पर अखिलेश यादव का सरकार पर हमला, काम के दबाव पर सवाल

लखनऊ में एक बैंक की महिला अधिकारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियां कम कर्मचारियों से कई गुना ज्यादा काम करवा रही हैं, जिससे कर्मचारियों पर तनाव और दबाव बढ़ रहा है।

अखिलेश यादव का सरकार पर हमला
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट करते हुए महिला अधिकारी की अचानक मौत को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, "लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफसी बैंक की एक महिला अधिकारी की ऑफिस में ही मृत्यु बेहद चिंताजनक है।" उन्होंने भाजपा सरकार की आर्थिक नीतियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है।

सुधार की मांग
अखिलेश यादव ने कहा कि कंपनियों और सरकारी विभागों को कामकाजी माहौल में सुधार के लिए तत्काल सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी आकस्मिक मौतें यह सवाल उठाती हैं कि किसी भी देश की तरक्की का असली पैमाना कर्मचारियों की मानसिक स्वास्थ्य और कार्य स्वतंत्रता से जुड़ा होना चाहिए।

क्या है पूरा मामला?
लखनऊ की वजीरगंज की रहने वाली सदफ फातिमा, जो गोमतीनगर स्थित एचडीएफसी बैंक के विभूतिखंड ब्रांच में एडिशनल डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट के पद पर तैनात थीं, मंगलवार दोपहर 3 बजे ऑफिस में काम करते वक्त अचानक बेहोश होकर गिर गईं। साथी कर्मचारियों के अनुसार, सदफ काफी तनाव में थीं, क्योंकि उन पर काम का भारी दबाव था।

पुलिस जांच में हार्ट अटैक की आशंका
पुलिस के अनुसार, अभी तक महिला अधिकारी की मौत का सही कारण पता नहीं चल पाया है। प्राथमिक जांच में हार्ट अटैक की संभावना जताई जा रही है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

अखिलेश यादव की इस टिप्पणी ने कामकाजी लोगों की मानसिक स्वास्थ्य और काम के बढ़ते दबाव को एक बड़ा मुद्दा बना दिया है। अब यह देखना होगा कि इस मामले पर भाजपा सरकार का क्या रुख रहता है और क्या इससे कर्मचारियों के कार्यस्थल पर सुधार के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।

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