छत्तीसगढ़ में मांब लिंचिंग का खौफनाक दौर, कानून-व्यवस्था चरमराई, अपराधियों के हौसले बुलंद - कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर



प्रदेश में भीड़ तंत्र की हिंसक घटनाएं बढ़ीं, कवर्धा और सुकमा में हुई निर्मम हत्याएं!

छत्तीसगढ़ में मांब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ीं, कवर्धा और सुकमा में भीड़ तंत्र ने लोगों की निर्मम हत्या की। कानून-व्यवस्था चरमराई, अपराधियों के हौसले बुलंद।

विश्व मीडिया आरकेसोनी वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ़

रायपुर, 15 सितंबर 2024 – छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होती नजर आ रही है, खासकर मांब लिंचिंग की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार के शासनकाल में कानून का डर समाप्त हो गया है, जिससे अपराधियों के हौसले आसमान छू रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश में जंगलराज स्थापित हो चुका है, जहां अपराधी खुलेआम आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

हाल ही में रायपुर के मंदिरहंसोद इलाके में हुई मांब लिंचिंग की घटना के बाद सुकमा और कवर्धा में भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया। कवर्धा जिले, जो कि गृह मंत्री विजय शर्मा का गृह जिला है, में एक युवक की हत्या कर उसे पेड़ से लटका दिया गया। इतना ही नहीं, उसके परिवार के चार लोगों को घर में बंद कर आग के हवाले कर दिया गया। वहीं, सुकमा जिले में जादू-टोने के शक में पांच निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इसी सप्ताह बलौदा बाजार में भी जादू-टोने के शक में चार लोगों की हत्या कर दी गई, जिससे पूरे प्रदेश में भय का माहौल बन गया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि गृह मंत्री अपने गृह जिले में ही कानून-व्यवस्था का पालन सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं, जबकि पूरे प्रदेश की स्थिति और भी खराब होती जा रही है। पुलिस तंत्र विपक्षी दलों के नेताओं को फंसाने में जुटा हुआ है, जबकि अपराधी बिना किसी डर के हत्या, बलात्कार, अपहरण, डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में कलेक्टर और एसपी कांफ्रेंस का आयोजन किया था, लेकिन इसका असर अभी तक धरातल पर नहीं दिखा है। गृह मंत्री जब कानून व्यवस्था पर सवालों का सामना करते हैं, तो वे पूर्ववर्ती सरकार के आंकड़े पेश कर खुद को बचाने की कोशिश करते हैं।

छत्तीसगढ़ में बढ़ती मांब लिंचिंग की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था की लचरता को उजागर करती हैं, बल्कि प्रदेश में अपराधियों के बढ़ते हौसले की भी कहानी बयान करती हैं।

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