रायपुर: संत एच एस चावला ने निरंकारी मिशन की विचारधारा को समझाया, जीवन के उद्देश्य पर दिया जोर




रायपुर के सत्संग में संत एच एस चावला ने निरंकारी मिशन की विचारधारा पर प्रकाश डालते हुए जीवन के उद्देश्य को समझाया।

विश्व मीडिया आरकेसोनी वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ़

रायपुर: रविवार शाम को कटोरा तालाब स्थित स्टार इलेवन ग्राउंड में एक विशाल सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लुधियाना, पंजाब से पधारे संत श्री एच एस चावला ने निरंकारी मिशन की विचारधारा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मानव जीवन का उद्देश्य ईश्वर को जानकर जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाना है। जीवन का असली धर्म वही है, जो किसी के चेहरे पर मुस्कान लाए, न कि दुख या नुकसान पहुंचाए।

संत चावला ने तुलसीदास जी की पंक्तियों का हवाला देते हुए कहा:

"पर हित सरस धरम नहीं भाई,
पर पीड़ा सम नहीं अधमाई।"

इन पंक्तियों का संदर्भ देते हुए उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति ईश्वर और अच्छाई को अपने साथ लेकर जीवन जीता है, उसे कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने जीवन की तुलना परीक्षा से करते हुए कहा कि जैसे परीक्षा में समय समाप्त होने से पहले उत्तर पुस्तिका तैयार करनी होती है, वैसे ही जीवन का समय कब पूरा होगा, कोई नहीं जानता। मानव को अपने जीवन का उद्देश्य सत्गुरु की शरण में जाकर पूरा करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि आज के समय की सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज मानव जीवन का सही मार्गदर्शन कर रही हैं, और जीवन का लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता कर रही हैं।

इस सत्संग में सैकड़ों की संख्या में प्रभु प्रेमियों ने भाग लिया और संतों के उपदेशों का आनंद लिया। उन्होंने सरल भाषा में समझाया कि जीवन क्यों मिला है और इसे कैसे जीना चाहिए।

जोनल इंचार्ज श्री गुरबक्श सिंह कालरा ने मुख्य अतिथि और आए हुए सभी भक्तजनों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने व्याख्यान में सत्संग के लाभ और महत्त्व की चर्चा की।

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