सरयूपाणी ब्राह्मण संघ में विवाद: सुरेश शुक्ल पर पूर्व अध्यक्ष दशरथ शुक्ल को धमकी देने का आरोप, चुनाव न कराने पर उठे सवाल!




सरयूपाणी ब्राह्मण संघ में विवाद गहराया, सुरेश शुक्ल पर पूर्व अध्यक्ष दशरथ शुक्ल को धमकी देने और चुनाव टालने का आरोप।

विश्व मीडिया आरकेसोनी वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ़

रायपुर, छत्तीसगढ़ – सरयूपाणी ब्राह्मण समाज में इस समय गहरा विवाद छिड़ा हुआ है, जहां संघ के वर्तमान अध्यक्ष सुरेश शुक्ल पर पूर्व अध्यक्ष दशरथ शुक्ल को धमकाने और चुनाव न कराने का गंभीर आरोप लग रहा है। इस घटना ने रायपुर के ब्राह्मण समाज में हड़कंप मचा दिया है, और अब यह मुद्दा सुर्खियां बटोर रहा है।

पूर्व अध्यक्ष को धमकी देने के आरोप
सरयूपाणी ब्राह्मण समाज के पूर्व अध्यक्ष श्री दशरथ शुक्ल, जो समाज में अपने अनुकरणीय कार्यों के लिए जाने जाते हैं, ने वर्तमान अध्यक्ष सुरेश शुक्ल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुरेश शुक्ल पर आरोप है कि उन्होंने दशरथ शुक्ल को धमकी-चमकी देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है। समाज के जानकारों का कहना है कि सुरेश शुक्ल ने संघ के अध्यक्ष पद पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है और चुनाव कराने से बच रहे हैं।

चुनाव से बचने की कोशिश?
ज्ञात हो कि सुरेश शुक्ल को सरयूपाणी ब्राह्मण संघ के अध्यक्ष पद पर श्री दशरथ शुक्ल द्वारा मनोनीत किया गया था, और उन्हें छह महीनों के अंदर चुनाव कराना था। लेकिन आरोप है कि सुरेश शुक्ल ने न केवल चुनाव टाल दिए, बल्कि अपनी मर्जी से समर्थकों की फौज तैयार कर संघ पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। विरोध करने वालों को संघ से बाहर कर दिया जा रहा है।
जब भी समाज के लोग चुनाव की मांग करते हैं, सुरेश शुक्ल राजनीतिक दबाव डालकर चुनाव प्रक्रिया में रुकावट पैदा करते हैं, जिससे समाज में नाराजगी बढ़ती जा रही है। अब यह मामला जांच का विषय बन गया है कि आखिर सुरेश शुक्ल चुनाव कराने से क्यों घबरा रहे हैं।

समाज में नाराजगी और निंदा
समाज के प्रबुद्ध वर्ग ने सुरेश शुक्ल की इस हरकत की कड़ी निंदा की है। कई लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि सुरेश शुक्ल कहीं भ्रष्टाचार में लिप्त तो नहीं हैं, जिसके कारण वह प्रत्यक्ष चुनाव से बच रहे हैं। यह मामला अब तेजी से तूल पकड़ रहा है और सुरेश शुक्ल के कार्यकाल की जांच की मांग जोर पकड़ने लगी है।

रायपुर में सरयूपाणी ब्राह्मण संघ का यह विवाद न केवल ब्राह्मण समाज बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन चुका है। अब देखना यह होगा कि सुरेश शुक्ल पर लगे आरोपों की जांच किस दिशा में जाती है और चुनाव प्रक्रिया कब शुरू होती है।

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