सरयूपारीण ब्राह्मण समाज में चुनाव की मांग तेज, अध्यक्ष सुरेश शुक्ला का कार्यकाल विवादों में

सुरेश शुक्ला


सरयूपारीण ब्राह्मण समाज में अध्यक्ष सुरेश शुक्ला का कार्यकाल विवादित, चुनाव की मांग जोर पकड़ रही है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मांग।

विश्व मीडिया आरकेसोनी वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ़

रायपुर - छत्तीसगढ़ की राजधानी में सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के पूर्व अध्यक्ष दशरथ प्रसाद शुक्ला ने अपने निवास पर आयोजित एक चर्चा के दौरान मौजूदा अध्यक्ष डॉ. सुरेश शुक्ला के कार्यकाल को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। दशरथ प्रसाद शुक्ला ने आरोप लगाया कि शुक्ला का कार्यकाल पूरा हो चुका है, फिर भी वे पद से हटने को तैयार नहीं हैं, जिससे समाज में चुनाव की मांग तेज हो गई है।

2005 से 2008 तक का कार्यकाल
दशरथ प्रसाद शुक्ला ने बताया कि उनके कार्यकाल (2005-2008) के दौरान समाज के विकास में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थे। उस समय समाज में सदस्यों की संख्या कम थी और सभा भवन का निर्माण भी हुआ था। उन्होंने बताया कि 2018-2019 में चुनाव प्रक्रिया द्वारा अध्यक्ष का चयन हुआ था, जिसमें तीन प्रमुख प्रत्याशी थे। स्वर्गीय श्री राकेश गौतम, स्वर्गीय श्री जितेंद्र शुक्ला और स्वयं दशरथ प्रसाद शुक्ला। उस चुनाव में भारी मतों से विजयी होने के बाद उनका कार्यकाल विवादों के चलते बढ़ गया था।

विवादित कार्यकाल
शुक्ला ने बताया कि मौजूदा अध्यक्ष डॉ. सुरेश शुक्ला को मनोनीत कर दिया गया था ताकि समाज में शांति बनी रहे। हालांकि, सुरेश शुक्ला का कार्यकाल लगभग 2 साल से अधिक हो चुका है, लेकिन वे अभी तक चुनाव कराने की सोच में नहीं हैं। उनके अनुसार, शुक्ला अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाए हुए हैं और समाज में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित कर रहे हैं।

विरोध और राजनीति
दशरथ शुक्ला ने मौजूदा स्थिति की आलोचना करते हुए कहा कि समाज की गतिविधियों में राजनीति और बाहरी व्यक्तियों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। सम्मानित सदस्यों की उपेक्षा की जा रही है और बाहरी लोगों को भीड़ जुटाकर कार्यक्रमों को सफल दिखाया जा रहा है। समाज के कई सदस्य इस राजनीति से नाखुश हैं और ब्राह्मण सभा भवन में जाने से परहेज कर रहे हैं।

संविधान संशोधन का विवाद
दशरथ शुक्ला ने यह भी बताया कि मौजूदा कार्यकारिणी संविधान में संशोधन कर कार्यकाल को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान की संशोधित कॉपी भी सदस्यों को नहीं दिखाई गई और सिर्फ व्हाट्सएप पर संदेश भेजकर जानकारी दी जाती है।

चुनाव की मांग
पूर्व अध्यक्ष दशरथ प्रसाद शुक्ल ने समाज में शीघ्र चुनाव कराने की मांग की है ताकि गरीब और अमीर सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा जा सके। उनका कहना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनाव होना चाहिए ताकि समाज में सही नेतृत्व का चयन हो सके और सभी वर्गों का विकास संभव हो।

सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के अंदर चुनाव को लेकर यह विवाद दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि समाज में चुनाव कब होंगे और क्या अध्यक्ष डॉ. सुरेश शुक्ल अपने पद से हटने के लिए तैयार होंगे या फिर विवाद और गहरा जाएगा।

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