आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क दुर्घटना: डबल डेकर बस पलटी, 21 यात्री घायल



कन्नौज में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर डबल डेकर बस पलटने से 21 यात्री घायल, 2 की हालत गंभीर। पुलिस और प्रशासन मौके पर मौजूद।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर भीषण दुर्घटना, 21 घायल

कन्नौज, उत्तर प्रदेश— उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में सोमवार की देर शाम एक भीषण सड़क दुर्घटना में करीब दो दर्जन यात्री घायल हो गए। यह दुर्घटना आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर तालग्राम थाना क्षेत्र में किलोमीटर संख्या 163 के पास हुई, जब बिहार से पंजाब जा रही एक डबल डेकर बस डिवाइडर से टकराकर पलट गई। बस में 45 यात्री सवार थे, जिनमें से 21 लोग घायल हो गए। इस हादसे ने एक बार फिर एक्सप्रेसवे पर यातायात की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बस डिवाइडर से टकराकर पलटी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बिहार से सवारियां लेकर पंजाब की ओर जा रही इस डबल डेकर बस ने तालग्राम थाना क्षेत्र के समीप तेज रफ्तार के कारण नियंत्रण खो दिया। बस सीधी डिवाइडर से टकराई और पलट गई, जिससे बस में सवार यात्रियों में हड़कंप मच गया। दुर्घटना में घायल हुए यात्रियों को पास के राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। दो यात्रियों की हालत गंभीर होने पर उन्हें तुरंत कानपुर रेफर कर दिया गया है।

दुर्घटना के तुरंत बाद प्रशासनिक कार्रवाई

दुर्घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और घायलों को फौरन चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल भेजा गया। पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर कमलेश कुमार के अनुसार, हादसे में कोई मौत नहीं हुई, लेकिन घायलों की संख्या और बस के पलटने के बाद का मंजर दिल दहलाने वाला था। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत क्रेन मंगाकर बस को हटवाया और एक्सप्रेसवे पर यातायात फिर से सामान्य कराया।

एक्सप्रेसवे पर बढ़ती दुर्घटनाएं: सवालों के घेरे में सुरक्षा

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर यह कोई पहली दुर्घटना नहीं है। बीते कुछ वर्षों में इस एक्सप्रेसवे पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें सैकड़ों लोग घायल हुए और कई अपनी जान गंवा चुके हैं। इस घटना के बाद से एक्सप्रेसवे की सुरक्षा को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं। हाईवे पर तेज रफ्तार वाहनों की समस्या और सही सुरक्षा मानकों की कमी दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बनती जा रही है।

यात्रियों की सुरक्षा और सरकारी कदम

हालांकि प्रशासन ने दुर्घटना के बाद जल्द से जल्द स्थिति को नियंत्रण में किया, लेकिन एक्सप्रेसवे पर बढ़ती दुर्घटनाओं से निपटने के लिए पुख्ता कदम उठाने की जरूरत है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक्सप्रेसवे पर लगे कैमरों की निगरानी और नियमित गश्त बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही तेज रफ्तार वाहनों की रोकथाम के लिए स्पीड ब्रेकर या सिग्नल सिस्टम स्थापित किया जा सकता है।

यात्रियों ने बताया: हादसे के वक्त की भयावहता

बस में सवार कई यात्रियों ने इस हादसे के दौरान के डरावने पलों को याद किया। एक यात्री ने बताया, "हम सब सो रहे थे, तभी अचानक बस तेजी से हिलने लगी और फिर पलट गई। कुछ ही पलों में अफरातफरी मच गई, चारों तरफ चीख-पुकार सुनाई देने लगी। बहुत से लोग खून से लथपथ थे, और हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें।"

प्रशासन की जिम्मेदारी और नागरिकों की उम्मीदें

इस घटना ने प्रशासन और सरकार को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। नागरिकों का मानना है कि सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए। एक्सप्रेसवे पर वाहन चालकों के लिए जागरूकता अभियान चलाना, सख्त ट्रैफिक नियम लागू करना और सुरक्षा मानकों की कड़ी जांच सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।

दुर्घटना में घायलों की स्थिति

राजकीय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के अनुसार, अधिकांश घायलों को मामूली चोटें आई हैं और उनका इलाज चल रहा है। गंभीर रूप से घायल दो यात्रियों को कानपुर के एक बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। अन्य घायलों को कुछ दिनों के इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है।

एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा की आवश्यकता

इस हादसे ने एक बार फिर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों की जान बचाने के लिए जरूरी है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और जल्द ही ऐसे कदम उठाए जाएं, जो इस प्रकार की दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने दें। तेज रफ्तार वाहनों की निगरानी, बेहतर रोड इंजीनियरिंग और प्रभावी कानून व्यवस्था ही इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं।

इस घटना ने न केवल घायलों और उनके परिवारों के लिए एक भयावह अनुभव छोड़ा है, बल्कि अन्य यात्रियों के मन में भी यात्रा के दौरान होने वाले खतरों के प्रति चिंता पैदा कर दी है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने हालांकि स्थिति को संभाल लिया, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता बनी हुई है।

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