अमेठी हत्याकांड में स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधायक मनोज पांडे पर मृतक के पिता को संवेदनहीनता दिखाने का आरोप लगाया, पुलिस को ठहराया जिम्मेदार.
अमेठी हत्याकांड ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने रायबरेली में हत्याकांड के मृतकों के अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस प्रशासन और स्थानीय विधायक मनोज कुमार पांडे पर निशाना साधा। मौर्य ने आरोप लगाया कि विधायक ने मृतक शिक्षक सुनील कुमार के पिता को मुख्यमंत्री से मिलाने ले जाकर संवेदनहीनता दिखाई, जब उन्हें अंतिम संस्कार में होना चाहिए था।
मौर्य ने की मुआवजे की मांग, कहा- पुलिस की लापरवाही से हुआ हत्याकांड
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस हत्याकांड को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार को न्याय मिलना चाहिए और उनके एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 40 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।
मौर्य ने बताया कि मृतक शिक्षक के साले से बातचीत के दौरान पता चला कि आरोपी चंदन वर्मा ने सुनील कुमार और उनके परिवार को पहले से ही धमकाया था। इसकी शिकायत पुलिस से की गई थी, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
"अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो आज यह दिल दहलाने वाली घटना न होती," मौर्य ने कहा। उनका कहना है कि यूपी पुलिस पूरी तरह से निरंकुश हो चुकी है और अब इसे सुधारने की जरूरत है।
आरोपी चंदन वर्मा का आपराधिक इतिहास, गैंग पर कड़ी कार्रवाई की मांग
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी चंदन वर्मा पहले से ही एक बड़ा अपराधी है। "चंदन वर्मा का आपराधिक इतिहास काफी बड़ा है, और उसका एक संगठित गैंग भी है जो क्षेत्र में लगातार अपराध करता आ रहा है," मौर्य ने आरोप लगाया। उन्होंने इस पूरे गैंग पर कठोर कार्रवाई की मांग की ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने परिजनों से की मुलाकात
इस हत्याकांड के पीड़ित परिवार से मिलने समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भी शनिवार को रायबरेली पहुंचा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने परिवार को सांत्वना दी और इस घटना को अन्यायपूर्ण करार दिया। पाल ने कहा कि पुलिस की लापरवाही की वजह से आरोपी का मनोबल बढ़ गया था, जिससे पूरे परिवार की हत्या हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि सुनील कुमार के पिता को अंतिम संस्कार से पहले ही मुख्यमंत्री से मिलाने ले जाया गया, जो बेहद असंवेदनशील कदम था। "कम से कम एक पिता को अपने बेटे का अंतिम दर्शन करने का अवसर मिलना चाहिए था," पाल ने कहा।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
समाजवादी पार्टी के श्याम लाल पाल और स्वामी प्रसाद मौर्य, दोनों ने ही पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। पाल ने कहा कि जब मृतक की पत्नी ने पहले ही आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, तो पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए थी। "पुलिस की निष्क्रियता ने इस परिवार की जान ले ली," उन्होंने आरोप लगाया।
अमेठी हत्याकांड से प्रदेश में बढ़ते अपराध पर बहस
अमेठी हत्याकांड ने यूपी में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले कुछ महीनों में प्रदेश में अपराध की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमले कर रहा है।
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