बागपत: बुर्का पहने महिला ने 7 महीने की बच्ची का किया अपहरण, पुलिस ने 30 घंटे में किया बरामद




यूपी के बागपत में बुर्का पहने महिला ने 7 महीने की बच्ची का किया अपहरण, पुलिस ने 30 घंटे में दिल्ली से बच्ची को किया बरामद।


बागपत में बुर्का पहनकर महिला ने किया 7 महीने की बच्ची का अपहरण, पुलिस की तत्परता से 30 घंटे में हुआ खुलासा

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बुर्का पहने महिला ने 7 महीने की मासूम बच्ची का अपहरण कर लिया। यह घटना बागपत के बड़ौत थाना क्षेत्र के बावली गांव की है। बच्ची का अपहरण करने वाली महिला की पहचान श्वेता के रूप में हुई है, जो कि बच्ची की पड़ोसी निकली। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की और महज 30 घंटे में बच्ची को सकुशल बरामद कर परिजनों को सौंप दिया।

बच्ची को दिल्ली ले गई थी अपहरणकर्ता

पुलिस के अनुसार, श्वेता ने बुर्का पहनकर बच्ची को अगवा किया और उसे दिल्ली ले गई थी। घटना के समय आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों में महिला की तस्वीरें कैद हो गई थीं, जिससे पुलिस को बड़ी मदद मिली। पुलिस ने सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज के जरिए अपहरणकर्ता का पता लगाते हुए तुरंत एक टीम बनाई और दिल्ली में छापा मारा। यहां से पुलिस ने न सिर्फ बच्ची को सकुशल बरामद किया बल्कि श्वेता को भी गिरफ्तार कर लिया।

श्वेता की हैरान करने वाली साजिश

बागपत के एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खुलासा किया कि श्वेता ने अपनी बहन के लिए बच्ची का अपहरण किया था। श्वेता की बहन दिल्ली में रहती है और वह एक बच्चा चाहती थी। इसीलिए श्वेता ने बुर्का और नकाब पहनकर बच्ची को अगवा किया और उसे अपनी बहन के पास दिल्ली ले गई। श्वेता ने पुलिस की सख्त पूछताछ में यह बात कबूल की कि उसका मकसद बच्ची को हमेशा के लिए अपनी बहन के पास रखना था।

पुलिस की तेज कार्रवाई, बच्ची की सकुशल वापसी

पुलिस की तत्परता और तकनीकी उपकरणों के सही इस्तेमाल की वजह से बच्ची को 30 घंटे के अंदर सकुशल बरामद कर लिया गया। पुलिस की इस सफलता पर बच्ची के परिजनों ने गहरी राहत की सांस ली। जब बच्ची को वापस उनके हवाले किया गया, तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे।

मुख्यमंत्री और पुलिस के लिए लगे नारे

बच्ची के परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बागपत पुलिस की सराहना करते हुए उनके समर्थन में नारे लगाए। परिजनों ने कहा कि योगी सरकार की महिला सुरक्षा योजनाओं और पुलिस की मुस्तैदी के कारण उनकी बच्ची सुरक्षित लौट आई है। परिजनों ने बागपत एसपी अर्पित विजयवर्गीय और उनकी टीम को धन्यवाद दिया, जिन्होंने महज 30 घंटे में बच्ची को ढूंढ निकाला।

अपराध में शामिल तीन आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य आरोपी श्वेता के साथ उसकी बहन और एक युवक भी शामिल हैं। श्वेता की बहन दिल्ली में रहती है और उसे ही बच्ची को सौंपने के लिए यह साजिश रची गई थी। पुलिस ने सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।

सीसीटीवी ने किया अपराध का पर्दाफाश

इस मामले में सीसीटीवी फुटेज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब अपहरणकर्ता बुर्का पहनकर बच्ची को लेकर जा रही थी, तब वह स्थानीय सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने फुटेज की गहन जांच की और अपहरणकर्ता की पहचान कर ली।

योगी सरकार की महिला सुरक्षा योजना का असर

इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि योगी सरकार की महिला और बच्ची सुरक्षा योजनाएं प्रभावी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, और यह घटना सरकार के उसी संकल्प का परिणाम है।

नाबालिग बच्चियों की सुरक्षा को लेकर चेतावनी

इस घटना के बाद पुलिस ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें। नाबालिग बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सरकार और पुलिस दोनों ही लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने आसपास के वातावरण पर नजर रखें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।


बागपत में 7 महीने की बच्ची के अपहरण और उसे 30 घंटे में बरामद करने की यह घटना पुलिस की मुस्तैदी और योगी सरकार की महिला सुरक्षा नीति का प्रमाण है। इस घटना से यह भी साबित होता है कि तकनीकी संसाधनों का सही इस्तेमाल करके अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सकता है।

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