बहराइच हिंसा में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: एसपी वृंदा शुक्ला ने 29 पुलिसकर्मियों को किया लाइन हाजिर




बहराइच में दशहरा हिंसा के बाद एसपी वृंदा शुक्ला ने बड़ा एक्शन लेते हुए दो थानों के 29 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया।

बहराइच हिंसा: पुलिस पर लापरवाही का आरोप, एसपी का सख्त एक्शन

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दशहरा के दौरान भड़की हिंसा में जिला पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। एसपी वृंदा शुक्ला ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई की है और दो थानों के कुल 29 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। प्रशासनिक कार्रवाई में जिन पुलिसकर्मियों को हटाया गया है, उनमें हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं। इस फेरबदल के बाद अब पुलिस लाइन से नए पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है।

प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा: क्या है पूरा मामला?

बहराइच जिले के हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज में 13 अक्टूबर को प्रतिमा विसर्जन के समय एक धार्मिक झंडा हटाए जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। इसके चलते स्थिति बिगड़ गई और राम गोपाल मिश्रा की हत्या हो गई। इसके बाद स्थिति और अधिक हिंसक हो गई। स्थानीय लोगों ने आगजनी और तोड़फोड़ की। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिनमें स्थिति की गंभीरता साफ नजर आ रही थी। इसे काबू में करने के लिए पुलिस की तैनाती की गई थी, लेकिन उनकी निष्क्रियता के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।

पुलिस की निष्क्रियता बनी हिंसा का कारण

एसपी वृंदा शुक्ला की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से निभाने में नाकाम रहे। उनकी निष्क्रियता के कारण हिंसा और भड़क उठी। जांच के बाद एसपी ने सख्त कदम उठाते हुए हरदी और रामगांव थानों के 29 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। इस फेरबदल के पीछे प्रशासनिक कारण बताए गए हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता ने हालात और बिगाड़ दिए।

नए पुलिसकर्मियों की तैनाती, सुधार के प्रयास

एसपी वृंदा शुक्ला ने पुलिस लाइन से 13 पुलिसकर्मियों को हरदी थाने और 16 को रामगांव थाने में तैनात किया है। इस आदेश के तहत कुल 58 पुलिसकर्मियों की तैनाती में बदलाव किया गया है। इसके अलावा, मामले में पहले ही सीओ, थानाध्यक्ष और चौकी इंचार्ज के खिलाफ भी कार्रवाई की जा चुकी है।

निष्क्रिय पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल

घटना के बाद स्थानीय प्रशासन पर लोगों का आक्रोश बढ़ता गया। लोगों का आरोप है कि यदि पुलिस समय पर सक्रिय हो जाती तो हिंसा इतनी बड़ी नहीं होती। हालांकि, प्रशासन की तरफ से इसे एक प्रशासनिक कदम बताते हुए अन्य आवश्यक कदम उठाए गए हैं।

बढ़ती घटनाओं पर प्रशासन की सख्ती

बहराइच हिंसा मामले में एसपी वृंदा शुक्ला का यह फैसला पुलिस प्रशासन के भीतर एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। हाल के दिनों में इस तरह की घटनाओं में प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई किए जाने की जरूरत महसूस की गई है। एसपी का यह कदम उसी दिशा में उठाया गया प्रयास है।

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