भदोही: रामलीला में बेकाबू बुलडोजर ने मचाया कहर, सीता स्वयंवर के दौरान भीड़ में कई लोग कुचले, एक की हालत गंभीर!



भदोही रामलीला में सीता स्वयंवर मंचन के दौरान बेकाबू बुलडोजर ने कई लोगों को रौंदा, एक युवक गंभीर रूप से घायल, भीड़ में अफरा-तफरी!


रामलीला में बुलडोजर का कहर: हादसे से मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में रामलीला मंचन के दौरान एक भयानक हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को हिला दिया। रामलीला के सीता स्वयंवर मंचन में बुलडोजर का प्रदर्शन करना भारी पड़ गया। एक बेकाबू बुलडोजर ने मंच पर मौजूद कई लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तत्काल बेहतर इलाज के लिए प्रयागराज रेफर किया गया है। बुलडोजर की इस लापरवाही के कारण रामलीला मैदान में भगदड़ मच गई, और पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

बुलडोजर के बेकाबू होने से दुर्घटना: प्रशासन की लापरवाही उजागर

यह हादसा भदोही के कोईरौना थाना क्षेत्र के इनारगांव में हुआ, जहां रामलीला का आयोजन चल रहा था। सीता स्वयंवर के दृश्य के दौरान एक बुलडोजर का प्रदर्शन किया जा रहा था, लेकिन उस दौरान बुलडोजर के चालक ने नियंत्रण खो दिया। बुलडोजर ने मंच के पास मौजूद झालर, ट्यूबलाइट और बैंड वालों को कुचल दिया। इस हादसे में कई लोग बुरी तरह घायल हो गए। खासकर बैंड का कारीगर रमेश गौतम गंभीर रूप से घायल हुआ, जिसे गोपीगंज के निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, और बाद में उसकी हालत गंभीर होने पर प्रयागराज रेफर किया गया।

बुलडोजर ने बैंड बजाने वाले को रौंदा: मच गई भगदड़

प्रत्यक्षदर्शी संतोष गौतम ने बताया कि रामलीला में प्रभु श्रीराम और सीता स्वयंवर का मंचन चल रहा था। इस आयोजन में झांकियों के साथ बैंड बाजा और बुलडोजर भी शामिल था। बुलडोजर के साथ प्रदर्शन के दौरान अचानक चालक का नियंत्रण हट गया और बेकाबू बुलडोजर ने बैंड वालों को अपनी चपेट में ले लिया। इससे वहां भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, और लोग इधर-उधर भागने लगे। इस घटना में डंकापुर निवासी बैंड बाजा बजाने वाले रमेश गौतम गंभीर रूप से घायल हो गए।

घटनास्थल पर भगदड़: पुलिस प्रशासन की लापरवाही

स्थानीय लोगों का कहना है कि बुलडोजर का प्रदर्शन पुलिस की बिना अनुमति के किया गया। भीड़भाड़ वाली जगहों पर ऐसे खतरनाक प्रदर्शनों को अंजाम देने से पहले प्रशासन की अनुमति लेना आवश्यक होता है, लेकिन यहां ऐसी कोई तैयारी नहीं की गई थी। रामलीला जैसी भीड़ वाली जगह पर बुलडोजर जैसे खतरनाक मशीनरी का इस्तेमाल न केवल अव्यवस्थित था, बल्कि सुरक्षा के नियमों का घोर उल्लंघन भी था। पुलिस प्रशासन की इस लापरवाही को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

उत्तर प्रदेश में बुलडोजर हादसों की बढ़ती घटनाएं: प्रशासन की सख्त कार्रवाई की मांग

यह पहली बार नहीं है जब बुलडोजर के गलत इस्तेमाल के कारण ऐसी घटनाएं हुई हैं। उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों जैसे प्रयागराज, लखनऊ और वाराणसी में भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। कुछ ही समय पहले, प्रयागराज में एक युवक को बुलडोजर से कुचल दिया गया था, जबकि लखनऊ में एक घर बुलडोजर की लापरवाही के कारण ढह गया था। वाराणसी में भी बुलडोजर की चपेट में आने से एक व्यापारी गंभीर रूप से घायल हो गया था।

रामलीला मंचन में बुलडोजर का प्रयोग: गलत परंपरा का अंत कब?

भदोही की यह घटना स्पष्ट करती है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में बुलडोजर जैसी मशीनों का प्रदर्शन करना न केवल खतरनाक है, बल्कि लोगों की जान पर भी भारी पड़ सकता है। ऐसे आयोजनों में सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। बुलडोजर को सिर्फ निर्माण और विध्वंस के लिए इस्तेमाल करना चाहिए, न कि मनोरंजन के लिए। यह समय है कि प्रशासन इस तरह की गलत परंपराओं पर लगाम लगाए और आयोजनों में सुरक्षा के नियमों का पालन सख्ती से करवाए।

अपराधी बुलडोजर: हादसे से सबक लेना जरूरी

इस हादसे से यह साफ हो गया है कि बुलडोजर जैसी बड़ी मशीनों का प्रदर्शन आमजन के जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसके प्रयोग को धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रमों से दूर रखना ही सबसे सुरक्षित उपाय है। भदोही हादसे के बाद यह देखना जरूरी होगा कि पुलिस प्रशासन और सरकार क्या कदम उठाती है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और रामलीला जैसे सांस्कृतिक आयोजनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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