भाजपा सरकार लोहारीडीह के 167 लोगों को फांसी पर चढ़ाना चाहती है? – भूपेश बघेल का बड़ा आरोप



भूपेश बघेल का आरोप, भाजपा सरकार ने लोहारीडीह के 167 लोगों पर संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की, मौत की सजा का खतरा।

विश्व मीडिया आरकेसोनी वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ

रायपुर | 07 अक्टूबर 2024: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि लोहारीडीह के 167 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर उन्हें संगीन धाराओं में फंसाया जा रहा है। उनका आरोप है कि सरकार इन लोगों को मौत की सजा दिलाने की कोशिश कर रही है। पूरे गांव को संगीन धाराओं में फंसाकर जेल में डाला गया है, जिससे भाजपा की मंशा स्पष्ट होती है।


भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप: 167 लोगों के खिलाफ एफआईआर, मौत की सजा का खतरा

लोहारीडीह मामले को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोहारीडीह के 167 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें मौत की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान है।

भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार की इस कार्रवाई से साफ़ होता है कि वह पूरे गांव को फंसाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भाजपा सरकार लोहारीडीह के 167 लोगों को फांसी पर चढ़ाना चाहती है?


एफआईआर में संगीन धाराएं, क्या सभी 167 लोगों को होगी फांसी?

एफआईआर में लगाए गए धाराओं पर ध्यान दें तो यह स्पष्ट होता है कि 167 लोगों को संगीन धाराओं में फंसाया गया है। धारा 103(2) के तहत मॉब लीचिंग के आरोप लगाए गए हैं, जो पूरे देश में पहली बार हुआ है। इस धारा के तहत मौत की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान है। इसके अलावा, हत्या, साक्ष्य छुपाने, गैरकानूनी जमावड़ा, और डकैती जैसे अपराधों में भी इन लोगों को फंसाया गया है।


किन धाराओं के तहत दर्ज हुए मुकदमे?

भाजपा सरकार ने लोहारीडीह के लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की निम्नलिखित गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए हैं:

धारा 103(1): हत्या, मृत्यु दंड या आजीवन कारावास।

धारा 103(2): मॉब लीचिंग, मृत्यु दंड या आजीवन कारावास।

धारा 238(ए): साक्ष्य छुपाना, 7 साल की सजा।

धारा 191(2): दंगा करना, 2 वर्ष की सजा।

धारा 191(3): घातक हथियार से हमला, 5 वर्ष की सजा।

धारा 332(ए): घर में घुसकर हमला जिससे मृत्यु हो, 10 साल की सजा।

धारा 61(2): मौत की साजिश, जिसमें मृत्यु दंड या आजीवन कारावास।


इन धाराओं के तहत एफआईआर से यह स्पष्ट हो रहा है कि सभी 167 लोगों पर गंभीर अपराधों का आरोप लगाया गया है, जिनमें से कई को मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है।


पुलिस की विवेचना पर सवाल, गांववासियों पर अत्याचार का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलिस की विवेचना पर सवाल उठाते हुए कहा कि 167 लोगों को सिर्फ एक व्यक्ति विनोद साहू के बयान के आधार पर जेल में डाल दिया गया। उन्होंने कहा कि यह कार्यवाही पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है और पूरे गांव का बयान लेने की बजाय सरकार के इशारे पर लोगों को फंसाया जा रहा है।

उन्होंने पूछा कि आईपीएस अधिकारी विकास कुमार को निलंबित क्यों नहीं किया गया? क्या पुलिस की विवेचना सही नहीं थी, और क्या दोबारा जांच की जाएगी? उन्होंने यह भी सवाल किया कि जिन लोगों के नाम एफआईआर में शामिल हैं, वह सही हैं या नहीं, यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।


क्या भाजपा सरकार ने राजनीतिक दुश्मनी निकाली?

भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपनी राजनीतिक विफलता का बदला पूरे गांव से लिया है। उन्होंने कहा कि लोहारीडीह के हर समाज के लोगों को इस मामले में फंसाया गया है।

साहू समाज: 137 लोग

यादव समाज: 20 लोग

आदिवासी समाज: 8 लोग

मानिकपुरी: 1 व्यक्ति

पटेल: 1 व्यक्ति


कुल मिलाकर 167 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है, और अन्य ग्रामवासियों को भी इसमें फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।


गांव में भय का माहौल, क्या और भी लोगों को फंसाने की साजिश?

भूपेश बघेल ने आगे कहा कि गांव के अन्य लोगों पर भी गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है। एफआईआर में 167 लोगों के बाद "अन्य" लिखकर शेष लोगों को भी फंसाने का रास्ता बनाया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर और भी नाम जोड़े जा सकते हैं, जिससे गांव के लोग डरे हुए हैं।

लोहारीडीह मामले में कांग्रेस का विरोध, न्याय की मांग

इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा है कि लोहारीडीह के लोगों को न्याय मिलना चाहिए और इस अत्याचार को तत्काल रोका जाना चाहिए। कांग्रेस के नेताओं ने यह भी मांग की है कि इस मामले में दोबारा विवेचना की जाए और निर्दोष लोगों को छोड़ा जाए।

पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दलेश्वर साहू, भोलाराम साहू, इंद्रशाह, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, कुलदीप जुनेजा, आर.पी. सिंह और अन्य नेता उपस्थित थे।

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