छत्तीसगढ़ में डीएड शिक्षकों की भर्ती पर मचा सियासी संग्राम, 35,000 पदों की तत्काल नियुक्ति की मांग, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना



छत्तीसगढ़ में डीएड शिक्षकों की 35,000 पदों पर भर्ती की मांग तेज, कांग्रेस का भाजपा सरकार पर आरोप—न रोजगार दे रही, न न्यायालय का सम्मान कर रही।

विश्व मीडिया आरकेसोनी वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ

रायपुर, 9 अक्टूबर 2024 – छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में भारी विवाद छिड़ गया है, जब प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा सरकार पर सीधा हमला करते हुए डीएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) शिक्षकों की नियुक्ति की तत्काल मांग की। धनंजय ठाकुर ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में 35,000 शिक्षकों की भर्ती को लेकर सरकार जानबूझकर देरी कर रही है और माननीय न्यायालय के आदेशों को भी नज़रअंदाज़ कर रही है।

भर्ती प्रक्रिया में देरी से मचा हड़कंप

छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर गहरी नाराजगी फैली हुई है। प्रदेश कांग्रेस के अनुसार, भाजपा सरकार बनने के बाद से डीएड और बीएड शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया ठप हो गई है। कोर्ट के फैसले के बावजूद, सरकार भर्ती प्रक्रिया को शुरू नहीं कर रही है, जिससे प्रदेश के हजारों युवा बेरोजगार सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं।

धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि डीएड के अभ्यर्थी लगातार अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। कई अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के आवास के बाहर भी विरोध जताया, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने कहा, "सरकार अपने कान बंद किए बैठी है। डीएड के अभ्यर्थियों को न्यायालय के आदेश लागू कराने के लिए जल सत्याग्रह और अन्य तरीकों से प्रदर्शन करना पड़ रहा है। आखिर सरकार में बैठे लोग किस दिशा में प्रदेश को ले जा रहे हैं?"

न्यायालय के आदेशों की अनदेखी

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता का कहना है कि न्यायालय ने स्पष्ट रूप से डीएड शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को तत्काल लागू करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद, सरकार न्यायालय के आदेशों को ठंडे बस्ते में डालकर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। यह सरकार की ओर से न केवल न्यायालय के सम्मान का उल्लंघन है, बल्कि युवाओं के रोजगार के अधिकार को भी हनन कर रही है।

भर्ती प्रक्रिया को लेकर बढ़ती नाराजगी

भर्ती प्रक्रिया को लेकर डीएड अभ्यर्थियों में आक्रोश दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। युवा लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, कभी भीख मांगकर तो कभी सिर मुंडवाकर। हाल ही में, अभ्यर्थियों ने जल सत्याग्रह भी किया, जिससे यह साफ हो गया है कि अब स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है।

सरकार पर गंभीर आरोप

धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा सरकार पर शिक्षा के क्षेत्र में उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है। उन्होंने कहा, "सरकार प्रदेश के नौनिहालों को अच्छी शिक्षा देने के बजाय शिक्षकों की कमी की समस्या से जूझते स्कूलों को अनदेखा कर रही है। यह सरकार की नीति है कि प्रदेश में अशिक्षा का बोलबाला हो और बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाए।"

ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के हर हिस्से में कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। वे भाजपा सरकार से चुनाव में किए गए वादों को याद दिला रहे हैं, लेकिन सरकार में बैठे लोग कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं। "यह स्थिति प्रदेश के लिए खतरनाक है और इससे न केवल युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है, बल्कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा रही है।"

35,000 शिक्षकों की भर्ती की मांग

कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार को तुरंत 35,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। कांग्रेस ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि वह बीएड और डीएड शिक्षकों के बीच का विवाद जानबूझकर खड़ा कर रही है, ताकि भर्ती प्रक्रिया को टाला जा सके। ठाकुर ने मांग की कि सरकार को जल्द से जल्द बीएड और डीएड अभ्यर्थियों के बीच का विवाद सुलझाना चाहिए और न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि प्रदेश में डीएड और बीएड अभ्यर्थियों के बीच लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवाद चल रहा है। डीएड अभ्यर्थी चाहते हैं कि सरकार पहले उनकी भर्ती करे, क्योंकि वे प्राथमिक शिक्षा के लिए योग्य माने जाते हैं। दूसरी ओर, बीएड अभ्यर्थी भी अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। इस विवाद को लेकर कई बार न्यायालय में सुनवाई भी हो चुकी है और न्यायालय ने सरकार को भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था। लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद से इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

न्यायालय के फैसले की अनदेखी क्यों?

प्रदेश कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि आखिर सरकार न्यायालय के फैसले को लागू करने से क्यों कतरा रही है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल रही है और अब न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना कर रही है। इस बीच, हजारों डीएड अभ्यर्थी बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं और उनके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

सरकार की मंशा पर सवाल

धनंजय ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार न तो प्रदेश के युवाओं को रोजगार देना चाहती है और न ही शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रही है। यह स्थिति प्रदेश के नौनिहालों के भविष्य के लिए बेहद खतरनाक है।

भविष्य की रणनीति

कांग्रेस का कहना है कि अगर भाजपा सरकार जल्द से जल्द 35,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं करती, तो प्रदेश में आंदोलन और तेज किया जाएगा। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वे डीएड अभ्यर्थियों के साथ खड़े हैं और उनके न्याय के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।

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