दलित युवक की निर्मम हत्या: भीम आर्मी ने दी थाने के घेराव की चेतावनी, पुलिस पर दबाव




बरेली में दलित युवक की हत्या पर भीम आर्मी ने दी कठोर कार्रवाई की चेतावनी। 3 दिनों में कार्रवाई न होने पर थाने के घेराव की धमकी।

बरेली से संवाददाता शानू की रिपोर्ट


बरेली, 15 अक्टूबर 2024 – उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के थाना शाही क्षेत्र के गांव कुल्छा में दिल दहला देने वाली घटना घटी। दलित युवक की निर्मम हत्या कर उसे पेड़ से लटका दिया गया। इस क्रूर घटना से पूरा इलाका सदमे में है। मृतक युवक, जो फतेहगंज पश्चिमी से मेला देखकर लौट रहा था, अचानक से लापता हो गया और फिर उसका शव गांव के एक पेड़ से लटका हुआ मिला। इस हत्या के बाद से पूरे गांव में रोष का माहौल है।

घटना की सूचना मिलते ही गांव में भारी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए। परिवार के लोग शोक में हैं, और इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। इसी बीच, भीम आर्मी के नेताओं ने तुरंत मामले में हस्तक्षेप किया और कठोर कार्रवाई की मांग की।

भीम आर्मी की तत्काल प्रतिक्रिया: कठोर कार्रवाई की मांग

भीम आर्मी के बरेली मंडल अध्यक्ष विकास बाबू एडवोकेट और जिला अध्यक्ष सुशील कुमार गौतम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। विकास बाबू एडवोकेट ने कहा, “यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं है, बल्कि दलित समाज के खिलाफ एक घृणित अपराध है। हम इस पर चुप नहीं बैठेंगे।”

नेताओं ने पुलिस को चेतावनी दी कि अगर 72 घंटे के भीतर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की गई और एफआईआर दर्ज नहीं हुई, तो भीम आर्मी थाना शाही का घेराव करेगी। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण और भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी इस चेतावनी के समर्थन में खड़े हो गए।

पुलिस प्रशासन पर बढ़ा दबाव

भीम आर्मी की इस सख्त चेतावनी के बाद पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। पुलिस अधीक्षक ने तुरंत जांच दल का गठन किया और मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस पहले भी ऐसी घटनाओं में ढील देती रही है, लेकिन इस बार वे न्याय मिलने तक चुप नहीं बैठेंगे।

विकास बाबू एडवोकेट ने अपने बयान में कहा, “यह सिर्फ एक घटना नहीं है, यह दलित समाज के खिलाफ अन्याय है। अगर पुलिस ने तीन दिनों के भीतर उचित कदम नहीं उठाए, तो हम बरेली के हर थाने का घेराव करेंगे।”

भीम आर्मी का बड़ा आंदोलन: न्याय की मांग

भीम आर्मी के नेताओं ने स्पष्ट किया है कि अगर पुलिस की तरफ से किसी भी तरह की लापरवाही की गई, तो वे शांतिपूर्ण आंदोलन करेंगे, जो केवल शाही थाना ही नहीं, बल्कि बरेली के विभिन्न इलाकों में फैलेगा। इसके साथ ही, भीम आर्मी ने इस मामले को दलित अधिकारों के खिलाफ हुए अपराध के रूप में पेश करने की योजना बनाई है। संगठन का मानना है कि यह मामला सिर्फ हत्या का नहीं, बल्कि जातिगत भेदभाव का गंभीर उदाहरण है।

भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार गौतम ने कहा, “हम इस मुद्दे को राज्य स्तर पर ले जाएंगे और यदि जरूरत पड़ी तो दिल्ली में भी आंदोलन करेंगे। यह हमारे समाज के सम्मान का सवाल है, और हम इसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।”

भीम आर्मी के समर्थन में जुटे ग्रामीण

घटना के बाद से गांव के लोग भीम आर्मी के समर्थन में खड़े हो गए हैं। सैकड़ों ग्रामीणों ने भीम आर्मी के आंदोलन का समर्थन किया और कहा कि वे इस अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे। भीम आर्मी के नेता लोकेंद्र सागर, अंकित सागर, और विशाल जाटव समेत कई प्रमुख लोग इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उनका कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ एक परिवार की नहीं है, बल्कि पूरे समाज की है।

न्याय की मांग: दलित समाज की आवाज़

इस हत्या के बाद दलित समाज में भारी आक्रोश है। पूरे उत्तर प्रदेश में दलित संगठनों ने इस घटना पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। यह हत्या एक बार फिर से उन चुनौतियों की ओर इशारा करती है जिनका सामना दलित समुदाय को आए दिन करना पड़ता है।

सुशील कुमार गौतम ने कहा, “अगर पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो हम सड़कों पर उतरेंगे। यह हत्या दलित समुदाय के खिलाफ अन्याय का प्रतीक है और हम इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

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