देवरिया: दरोगा बना ‘भगवान’, चलती स्कूटी से गिरे बुजुर्ग को हार्ट अटैक के बाद सीपीआर देकर बचाई जान!



देवरिया में दरोगा ने बुजुर्ग को हार्ट अटैक के बाद सीपीआर देकर बचाई जान, पुलिस अधिकारी के इस काम की हो रही है जमकर तारीफ।

देवरिया: बुजुर्ग की जान बचाने वाले दरोगा की कहानी, सीपीआर से दिल की धड़कन वापस लाई!

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक पुलिस अधिकारी का सराहनीय कार्य चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां की सड़कों पर एक बुजुर्ग व्यक्ति के हार्ट अटैक के बाद गिरने पर दरोगा विनोद कुमार सिंह ने तेजी से हस्तक्षेप किया और उनकी जान बचाई। यह घटना देवरिया के पुलिस लाइन के पास की है, जहां दरोगा विनोद कुमार सिंह ने इंसानियत की ऐसी मिसाल पेश की है कि उनकी जमकर तारीफ हो रही है।

कैसे हुई घटना?

शनिवार की सुबह का समय था, जब दो व्यक्ति एक ही स्कूटी पर सवार होकर पुलिस लाइन के पास से गुजर रहे थे। अचानक, आरो प्लांट के निकट स्कूटी पर पीछे बैठे बुजुर्ग व्यक्ति राम आशीष यादव, जिन्हें हार्ट अटैक आया था, अचानक चलती स्कूटी से गिर गए। उनकी गिरावट से वहां मौजूद लोग चौंक गए और उन्होंने स्कूटी चला रहे व्यक्ति को चिल्लाकर सतर्क किया।

जैसे ही स्कूटी रोकी गई, दरोगा विनोद कुमार सिंह ने तुरंत हस्तक्षेप किया। वह बुजुर्ग के करीब आए और उन्हें सड़क किनारे बेहोश अवस्था में देखा। बिना देरी किए, दरोगा ने पांच मिनट तक लगातार सीपीआर दिया, जिससे बुजुर्ग के शरीर में हरकत हुई और उनकी धड़कन वापस आई। इसके बाद बुजुर्ग को महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं।

दरोगा विनोद कुमार सिंह की सराहना

दरोगा विनोद कुमार सिंह का यह मानवीय कार्य पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरोगा ने न सिर्फ समय पर सीपीआर दिया, बल्कि उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और मानवीय दृष्टिकोण ने एक जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह घटना एक उदाहरण है कि किस तरह से पुलिस अधिकारियों की तत्परता और जिम्मेदारी मानवता की मिसाल बन सकती है।

सोशल मीडिया पर सराहना

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर दरोगा विनोद कुमार सिंह की जमकर तारीफ हो रही है। लोग उन्हें ‘देवदूत’ और ‘धरती के भगवान’ जैसे शब्दों से संबोधित कर रहे हैं। इस प्रकार की घटनाएं समाज में पुलिस अधिकारियों की सकारात्मक छवि को दर्शाती हैं और लोगों को यह विश्वास दिलाती हैं कि आपातकालीन स्थितियों में पुलिस प्रशासन उनका साथ देने के लिए हमेशा तैयार है।

हार्ट अटैक और सीपीआर का महत्व

इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियों में सीपीआर कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। समय पर सीपीआर देने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। इस तरह की आपातकालीन चिकित्सा तकनीकों का ज्ञान सभी को होना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी की भी जान बचाई जा सके।




देवरिया की यह घटना यह दर्शाती है कि अगर पुलिस अधिकारी समय रहते सही कदम उठाते हैं, तो वे असल जिंदगी में नायक साबित हो सकते हैं। दरोगा विनोद कुमार सिंह की त्वरित प्रतिक्रिया और उनके साहसिक कदम ने एक बुजुर्ग की जान बचाई है। समाज में ऐसे कार्यों की सराहना होनी चाहिए और इनसे हमें यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि सही समय पर सही कदम उठाना किसी की भी जिंदगी बचा सकता है।

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